चैत्र नवरात्र: माँ दुर्गा की पूजा
मंगलवार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरूआत होने जा रही है। इस बार नवरात्र पूरे 9 दिनों का है। इन 9 दिनों में माँ के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में पूरी श्रद्धा के साथ माँ दुर्गा के आगमन की तैयारी की जाएगी। नवरात्रि की पूजा कलश स्थापना से शुरू होती है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित कर पूजन शुरू किया जाता है। मान्यता है इन 9 दिनों पूरी श्रद्धा भाव से माता की उपासना करने से यश, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
घटस्थापना का महत्व
नवरात्रि में घट स्थापना का बड़ा महत्व है। कलश में हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, पांच प्रकार के पत्तों से कलश को सजाया जाता है। कलश के नीचे बालू की वेदी बनाकर जौ बोए जाते हैं। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती व दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। कलश स्थापना की सही विधि
सबसे पहले पूजा स्थान की गंगाजल से शुद्धि करें। अब हल्दी से अष्टदल बना लें। कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब एक मिट्टी या तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें। अब इस लोटे में साफ पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। अब इस कलश के पानी में सिक्का, हल्दी, सुपारी, अक्षत, पान, फूल और इलायची डालें। फिर पांच प्रकार के पत्ते रखें और कलश को ढक दें। इसके बाद लाल चुनरी में नारियल लपेट कलश के ऊपर रख दें।
नोट: कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है, हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।