राजनीति

महाराष्ट्र में कुछ सीट पर उम्मीदवारों को लेकर सहयोगी दल कर रहे हैं विरोध:शिवसेना नेताओं का दावा

महाराष्ट्र में कुछ सीट पर उम्मीदवारों को लेकर सहयोगी दल कर रहे हैं विरोध:शिवसेना नेताओं का दावा

बंगाल के शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मेरे रिश्ते खराब कर रहे हैं : राज्यपाल बोस

डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई लोकसभा चुनाव के लिए गठित विधानसभा के प्रबंध समिति और संचालन समिति को बैठक में होंगे शामिल

मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा हिंगोली लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को बदलने की संभावना के बीच पार्टी के कुछ नेताओं का दावा है कि उन्हें कुछ सीटों पर नामांकन को लेकर गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

शिवसेना ने 28 मार्च को हिंगोली के मौजूदा सांसद हेमंत पाटिल को इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था।

शिवसेना के एक नेता ने दावा किया कि ‘महायुति’ (महागठबंधन) के भीतर उनकी उम्मीदवारी का विरोध हुआ है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल है।

हिंगोली में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।

 दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन होने के कारण पाटिल की जगह शिवसेना पदाधिकारी बाबूराव कदम कोहालिकर को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कदम ने कहा, ”मुख्यमंत्री शिंदे ने मुझे चार दिन पहले मुंबई बुलाया और लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए कहा। यह पहली बार था जब मुझे संकेत मिला कि हेमंत पाटिल को हटाया जा रहा है। मैं हदगांव विधानसभा सीट (इस साल के अंत में होने वाले राज्य चुनाव के लिए) के लिए तैयारी कर रहा था क्योंकि हेमंत पाटिल के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी थी।”
हिंगोली पहुंचे हेमंत पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें लगता है कि उनकी उम्मीदवारी की घोषणा पहले नहीं की जानी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी के अन्य नेताओं से बात की और पार्टी के फैसले को स्वीकार करने का फैसला किया। मैं पार्टी के उम्मीदवार के लिए लगन से काम करूंगा और उनकी जीत के लिए प्रयास करूंगा।’

बंगाल के शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मेरे रिश्ते खराब कर रहे हैं : राज्यपाल बोस

कोलकाता
 पश्चिम बंगाल में सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में संचालन संबंधी असमंजस पर चर्चा के बीच शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा राज्यपाल को 'उन्मादी' करार देने के बाद सी वी आनंद बोस ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां तब आयी हैं जब उन्होंने पहले ही मंत्री द्वारा प्रस्तावित अंतरिम कुलपतियों के नामों को स्वीकृति दे दी है।

राज्यपाल ने कहा कि बसु के आरोप उनकी संवैधानिक सहकर्मी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके संबंध खराब करने की कोशिश है।

राजभवन ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मंत्री ब्रत्य बसु ने राज्यपाल को 'उन्मादी' और अल्जाइमर से पीड़ित बताया है। यह ऐसे समय में कहा गया है जब राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के तौर पर नियुक्ति के लिए मंत्री द्वारा सुझाए सभी चार नाम स्वीकार कर लिए हैं।''

पोस्ट में कहा गया है, ''राज्यपाल का मानना है कि मंत्री उनके और माननीय मुख्यमंत्री के बीच के रिश्ते खराब कर रहे हैं। राज्यपाल, मुख्यमंत्री का बहुत सम्मान करते हैं।''

बसु ने राज्यपाल पर राज्य विश्वविद्यालयों के कामकाज के संबंध में ''अतार्किक और असंगत कदम'' उठाने का भी आरोप लगाया था।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बोस ने बुधवार रात को एक बयान जारी कर सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ इन संस्थानों की स्वायत्तता की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई लोकसभा चुनाव के लिए गठित विधानसभा के प्रबंध समिति और संचालन समिति को बैठक में होंगे शामिल

रांची
भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रभारी डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई आगामी पांच दिनों तक प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर रहेंगे।
वाजपेई 4अप्रैल को बोकारो,5अप्रैल को बाघमारा और धनबाद 6अप्रैल को जमशेदपुर,7अप्रैल को सरायकेला एवम चाईबासा तथा 8अप्रैल को खूंटी विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे।
वाजपेई लोकसभा चुनाव की दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र स्तर पर पार्टी द्वारा गठित प्रबंध समिति,संचालन समिति की बैठक को संबोधित करेंगे। जमशेदपुर में वाजपेई लोकसभा स्तर के कार्यक्रम में शामिल होंगे।

 

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