देश

आपकी सरकार फेल है, आदेश के बाद भी जली पराली; पंजाब को NGT ने पलूशन पर खूब सुनाया

नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहरों में भीषण प्रदूषण के बीच पराली जलाने पर पंजाब सरकार की एनजीटी ने भी खिंचाई की है। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने सोमवार को कहा कि जब पराली जलाने पर रोक का आदेश दिया गया था, तब भी ऐसा क्यों हुआ। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पराली जलाने के मामलों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो फिर स्थानीय थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी। यही नहीं उन्होंने पंजाब समेत यूपी, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों के मुख्य सचिवों से भी कहा था कि वे आदेश के पालन को तय करें।

नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने पंजाब सरकार की ओर से पराली जलने पर रोक को लेकर जरूरी कदम न उठाने पर भी सवाल उठाए। एनजीटी ने कहा कि यह तो पूरी तरह से प्रशासनिक असफलता का मामला है। एनजीटी ने कहा, 'यह मामला जब उठा था, तब तक पराली जलाने के 600 केस ही सामने आए थे। अब यह आंकड़ा बढ़कर 33 हजार हो गया है। यह तब हुआ है, जब इस मामल की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी दोनों कर रहे थे। फिर भी आप कह रहे हैं कि आपकी ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।' एनजीटी की बेंच ने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असफलता है। आपका पूरा प्रशासन काम पर लगा है और फिर भी आप फेल हैं।

यही नहीं एनजीटी ने पंजाब सरकार पर चुनकर लोगों पर कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया। एनजीटी ने कहा कि आप दोषी लोगों पर कार्रवाई भी चुन-चुन कर कर रहे हैं। इसीलिए 1500 मामले आपने बताए और उनमें से 829 पर ही केस दर्ज किया गया है। एनजीटी ने कहा कि आखिर नियम का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। एनजीटी ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा कि आप नारे ही लगाते रहे हैं। लेकिन आपके राज्य ने मामले की गंभीरता को समझा ही नहीं है। इस मामले में आपके राज्य ने ही सबसे बड़ा योगदान दिया है।

दरअसल दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर और नवंबर के दौरान बीते कई सालों से पलूशन बढ़ जाता है। माना जाता है कि इस पलूशन की वजह पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में पराली जलाया जाना है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई के दौरान 5 राज्यों की सरकारों से कहा था कि वे पराली जलने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाएं।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button