माफिया अतीक अहमद को लाने और ले जाने में हर बार ₹10 लाख खर्च कर रही योगी सरकार
लखनऊ
उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी माफिया अतीक अहमद को फिर से प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक अहमद को लाने के लिए प्रयागराज से साबरमती जेल के लिए 37 पुलिसकर्मियों के साथ दो पुलिस वैन और दो एस्कॉर्ट गाड़ी भेजी गई थी. इन्हीं गाड़ियों से अतीक अहमद कल यानी मंगलवार को 1275 किलोमीटर की प्रयागराज यात्रा पर निकला है.
साबरमती जेल से प्रयागराज कोर्ट में अतीक अहमद को पेश करने में उत्तर प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये खर्च कर रही है. अतीक को लाने और ले जाने में तैनात 37 पुलिस वालों को मिलने वाली तनख्वाह के हिसाब से 4 लाख और महंगाई भत्ते के हिसाब से 2 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. इसके अलावा अतीक को लाने में करीब 3 लाख रुपये का डीजल लगता है.
पुलिस वैन और एस्कॉर्ट में 3 लाख का डीजल
एक पुलिस वैन का एवरेज 5km/litre होता है. इस हिसाब से देखे तो एक पुलिस वैन में एक तरफ की यात्रा के लिए 255 लीटर डीजल डलवाने पड़ते हैं, जिसका खर्च करीब 25 हजार रुपये आता है. अब चूंकि दो पुलिस वैन गई थी तो एक तरफ का खर्च 50 हजार रुपये आएगा. प्रयागराज से गाड़ी साबरमती जाती है, फिर साबरमती जेल से प्रयागराज आती है, फिर प्रयागराज से साबरमती जाएगी और फिर साबरमती से प्रयागराज आएगी. यानी दोनों गाड़ियां चार चक्कर लगाएंगी.
ऐसे में सिर्फ दोनों पुलिस वैन में 2 लाख रुपये का डीजल भराया जाता है. ठीक इसी तरह पुलिस एस्कॉर्ट में दो गाड़ियां लगी हुई हैं. एक गाड़ी का एवरेज 12km/litre होता है. यानी एक तरफ की यात्रा के लिए एक पुलिस एस्कॉर्ट में 107 लीटर डीजल डलवाना पड़ता है यानी करीब 10 हजार रुपये का खर्चा आता है. पुलिस वैन की तरह ही इसके भी चार चक्कर लगाना होगा. यानी दोनों पुलिस एस्कॉर्ट गाड़ी के आने-जाने का खर्च करीब 80 हजार रुपये पड़ता है.
पुलिसकर्मियों पर 6 लाख रुपये का खर्चा
अतीक अहमद को लाने ले जाने में लगे 37 पुलिस कर्मियों में एक सीओ, एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर, 6 ड्राइवर, 4 हेड कांस्टेबल और 23 कॉन्स्टेबल लगाए गए हैं. अतीक को लाने और ले जाने के एवज में इन पुलिसकर्मियों को 6 लाख रुपये (वेतन+महंगाई भत्ता) देना होगा. प्रयागराज पुलिस की सुरक्षा के अलावा अलग-अलग पुलिस टीमें लगाई जाती हैं.
अतीक पर इतना क्यों खर्च कर रही है सरकार
अगर आंकड़ों को देखा जाए तो अतीक अहमद को एक बार साबरमती जेल से प्रयागराज लाने और फिर ले जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. अब सवाल उठता है कि अतीक अहमद को लाने पर यूपी सरकार इतना खर्च क्यों कर रही है? कुछ लोगों का मानना है कि लोगों के मन में बैठे अतीक के डर को पुलिस निकालना चाहती है.
प्रयागराज यात्रा के दौरान माफिया अतीक अहमद के चेहरे पर खौफ दिख भी रहा है. अतीक को डर है कि कहीं उसकी हत्या ना कर दी जाए. यूपी में एंट्री से पहले मध्यप्रदेश के शिवपुरी में पुलिस की गाड़ी रूकी तो आजतक के सवालों का उसने जवाब दिया. अतीक ने कहा कि 6 साल से मैं जेल में हूं, मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है.
अतीक अहमद… यूपी में कभी दहशत का दूसरा नाम था. आज अपनी जान की भीख मांग रहा है. वो गिड़गिड़ा रहा है. गुहार लगा रहा है. उसे अपने किए का पछवाता भी हो रहा है. वह कह रहा है कि माफियागीरी खत्म तो हो गई… अब रगड़ रहे हैं… मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है… परिवार को मिट्टी में मिला तो दिया.