खेल

सुबह साढ़े 4 बजे पिता को वीडियो कॉल कर रोए यशस्वी जायसवाल, पूछा- पापा आप खुश हो ना?

 नई दिल्ली

किसी भी क्रिकेटर के लिए भारतीय टीम के लिए डेब्यू करना बड़ा क्षण होता है, वहीं जिंदगी के सभी उतार-चढ़ाव के साथ कड़ी तपस्या कर कोई यहां तक पहुंचा हो तो उसके लिए यह एक सपना सच होने जैसा ही होता है। ऐसे ही कुछ भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ हुआ। कभी मुंबई की सड़कों पर पानी-पूरी बेचने वाले इस खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में डेब्यू किया। ये उनका डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार परिश्रम करने का इनाम था। यशस्वी ने इस मौके को अपने हाथों से जाने नहीं दिया और पहली ही मैच में अपनी छाप छोड़ दी। यशस्वी ने डेब्यू मैच में 171 रनों की एतिहासिक पारी खेली।
 

जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच के दूसरे दिन शतक जड़ा तो उन्होंने सबसे पहला कॉल अपने पिता को किया था। इस दौरान वीडियो कॉल पर यह भारतीय बल्लेबाज खूब रोया, हालांकि यह खुशी के ही आंसू थे। बेटे के सपने को पूरा होता देख पिता भी अपने आंसू रोक नहीं पाए और भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े चार बजे बाप-बेटा वीडियो कॉल पर रो रहे थे। ये पूरी कहानी खुद यशस्वी के पिता भूपेन्द्र ने सुनाई।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए यशस्वी जायसवाल के पिता ने कहा 'उसने शतक लगाने के बाद सुबह साढ़े चार बजे के करीब कॉल किया, वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। मैं भी रोया। वह काफी इमोशनल मूमेंट था। उसने ज्यादा देर बात नहीं की क्योंकि वह थका हुआ था। उसने बस मेरे से पूछा 'पापा आप खुश हो ना?''
 

यशस्वी जायसवाल द्वारा खेली गई यह पारी विदेशी धरती पर डेब्यू कर रहे किसी भी भारतीय द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारी है। साथ ही यशस्वी डेब्यू मैच में 150 रन का आंकड़ा पार करने वाले तीसरे खिलाड़ी बने। उनसे पहले यह कारनामा 2013 में शिखर धवन और रोहित शर्मा ने किया था। यशस्वी को उनकी इस लाजवाब पारी की वजह से प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया। वह डेब्यू मैच में यह अवॉर्ड जीतने वाले 8वें भारतीय बने।
 

इस खास अवॉर्ड को लेने के बाद यशस्वी जायसवाल ने कहा 'तैयारी काफी अच्छी थी। हमारा सत्र अच्छा रहा। राहुल द्रविड़ सर से बहुत बात की। मुझ पर भरोसा जताने के लिए सभी चयनकर्ताओं और रोहित (शर्मा) भाई को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह वाकई बहुत अच्छा रहा, मैं इसके लिए काफी काम किया। मैं अच्छी तैयारी और अनुशासन पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरे लिए बहुत खास और भावनात्मक है। यह तो सिर्फ शुरुआत है, मुझे अपना ध्यान केंद्रित रखना होगा और अपने क्रिकेट पर काम करते रहना होगा। मेरी यात्रा में बहुत से लोगों ने मेरी मदद की और मैं उनमें से प्रत्येक को धन्यवाद देना चाहता हूं। सीनियर खिलाड़ियों के साथ जबरदस्त बैटिंग हुई। मैं उनसे और अधिक सीखने के लिए उत्सुक हूं।'

 

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