एक्सएलआरआई अब पहला कार्बन उत्सर्जन मुक्त कैंपस
जमशेदपुर.
देश के नामी बिजनेस स्कूलों में शुमार एक्सएलआरआई जमशेदपुर अपने सामाजिक कार्यों और अन्य गतिविधियों से हमेशा चर्चा में रहता है। इस बार संस्थान ने कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनने की राह में कदम बढ़ाया है। इसका मतलब यह कि कैंपस परिसर में शून्य कार्बन उत्सर्जन होगा। न वाहनों का धुआं होगा और न ही बिजली के लिए ग्रिड की निर्भरता होगी। जेनरेटर का उपयोग भी नहीं होगा। इसके लिए संस्थान ने कार्बन न्यूट्रल संस्थान बनाने को कई कदम उठाए हैं, जिससे संस्थान पर्यावरण के अनुकूल बन सके।
छात्रों को परिसर में आने-जाने के लिए साइकिल दी गई
संस्थान में बायो गैस संयंत्र स्थापित कर दिया गया है। वहीं छात्रों को परिसर के भीतर आने-जाने के लिए साइकिल प्रदान कर दी गई है, ताकि बाइक-कार के धुएं से परिसर में प्रदूषण न हो। इसके अलावा ग्रिड से बिजली की निर्भरता समाप्त करने के लिए परिसर में कई इमारतों की छतों पर सौर पैनल स्थापित कर दिया गया है। ऐसा कर संस्थान जीरो कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस लाक्ष्य की प्राप्ति होते ही एक्सएलआरआई झारखंड का पहला ऐसा संस्थान बन जाएगा, जो कार्बन न्यूट्रल इंस्टीट्यूट होगा।
एलईडी की जगह मर्करी वैपर लैंप को लगाया जा रहा
फादर नेल्सन डिसिल्वा, एसोसिएट डीन स्टूडेंट अफेयर्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन एक्सएलआरआई की हरित पहल को बढ़ावा देने व इसे लागू करने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम परिसर में मर्करी वैपर लैंप को एलईडी की जगह लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, एक्सएलआरआई में अनावश्यक बिजली खपत रोकने के लिए वॉशरूम में इंफ्रारेड सेंसर वाले लाइट लगाए गए हैं। कुछ वॉशरूम में अब माइक्रोवेव सेंसर लगाने की तैयारी है, क्योंकि इंफ्रारेड उच्च तापमान में प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। इससे जरूरत की बिजली ही खर्च होगी, जो सोलर एनर्जी से प्राप्त हो जाएगी। लाइब्रेरी में ऐसे सेंसर और एलईडी बल्ब लगाने की योजना भी पाइपलाइन में है। वहीं, एक्सएलआरआई में स्थापित सौर पैनल 320 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जो बी स्कूल परिसर में कुल बिजली खपत का 14.5 प्रतिशत है। इसी तरह बायो गैस संयंत्र भी स्थापित किया गया है।