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विकासशील देश बंगलादेश के विकास मॉडल का अनुसरण करे : विश्व बैंक

ढाका
 विश्व बैंक ने कहा कि विकासशील देश बंगलादेश के विकास मॉडल का अनुसरण कर सकते हैं। विश्व बैंक कार्यकारी निदेशक परमेश्वरन अय्यर ने  प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनके आधिकारिक गणभवन निवास पर शिष्टाचार मुलाकात के दौरान यह बात कही।

प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव इहसानुल करीम ने बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में अय्यर के हवाले से कहा, “प्रधानमंत्री शेख हसीना के विवेकपूर्ण नेतृत्व में बंगलादेश में विशिष्ट योजनाओं के साथ विकास में अभूतपूर्व परिवर्तन आया। अन्य विकासशील देश बंगलादेश के विकास मॉडल का अनुसरण कर सकते हैं।”

करीम के अनुसार, बैठक के दौरान विश्व बैंक के अधिकारी को प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के उत्थान कार्यक्रमों से अवगत कराया।
सुशेख हसीना ने कहा कि बंगलादेश में भारी विकास हुआ क्योंकि उनकी सरकार और पार्टी (अवामी लीग) ने विशिष्ट योजनाएं बनाने के बाद सब कुछ किया।

उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य लक्ष्य गरीबी दूर करना है। हम हर व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करना चाहते हैं।”
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक ने बंगलादेश को उन्नति के अगले चरण में उसके बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि उनका संगठन रोहिंग्याओं के पुनर्वास के लिए पहले ही 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर प्रदान कर चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोहिंग्याओं को अपनी मातृभूमि म्यांमार लौटना होगा।

म्यांमार में शरणार्थियों को ले जा रही नाव डूबी, 17 लोगों की मौत

यागून
 म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जा रही एक नाव समुद्र में डूब जाने से करीब 17 प्रवासियों की मौत हो गयी और कई लापता हो गए। बचाव दल ने  यह जानकारी दी।
सितवे शहर में श्वे यांग मेट्टा फाउंडेशन के एक बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा कि इस सप्ताह रविवार रात एक नाव समुद्र में डूब गयी, जिस पर 50 से अधिक लोग सवार थे। उन्होंने कहा, "हमें कल तक 17 शव मिले हैं।"
बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा, “हमें आठ व्यक्ति जीवित मिले। पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए ले गई है।” उन्होंने कहा कि बचावकर्मी अभी भी लापता लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि जहाज पर सटीक संख्या ज्ञात नहीं है। बंगलादेश की सीमा पर मॉन्गडॉ टाउनशिप में एक रोहिंग्या सहायता कार्यकर्ता ने कहा कि खराब मौसम की वजह से नाव डूब गयी। इस हादसे के बाद करीब 500 अन्य लोग अभी भी मलेशिया जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

बौद्ध-बहुल म्यांमार में राखीन लगभग छह लाख रोहिंग्या मुसलमानों का घर है, जिन्हें बंगलादेश से प्रवासी माना जाता है और उन्हें नागरिकता और आंदोलन की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया। मलेशिया और इंडोनेशिया तक पहुंचने की कोशिश करने के लिए हर साल हजारों रोहिंग्या बंगलादेश और म्यांमार के शिविरों से अपनी जान जोखिम में डालकर समुद्री यात्रा करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के जनवरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 39 जहाजों में 3,500 से अधिक रोहिंग्या ने अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी को पार करने का प्रयास किया, जो पिछले वर्ष 700 से अधिक था। एजेंसी ने कहा कि पिछले साल समुद्र में करीब 348 रोहिंग्या मारे गए या लापता हो गए।

 

Pradesh 24 News
       
   

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