बलौदाबाजार भाटापारा.
घरेलू कामों में व्यस्त रहने वाली कई महिलाएं सफलता की नई इबारतें लिख रहीं है। इनमें बलौदाबाजार भाटापारा जिले के विकासखण्ड भाटापारा के ग्राम गुडेलिया एवं विकासखंड पलारी के ग्राम गिर्रा की महिलाएं भी शामिल हैं। जो पेवर ब्लॉक बनाकर अपनी राह मजबूत बना रही है। जिलें में इस तरह पहली बार महिलाएं पेवर ब्लॉक बनाने का काम रही है। इसकी मांग इतनी है की पूर्ति करना मुश्किल हो जा रही हैं। आदर्श ग्राम गुड़ेलिया में नारी शक्ति ग्राम संगठन की महिलाओं द्वारा पेवर ब्लॉक बनाने का कार्य किया जा रहा है।
ग्राम संगठन समूह की सदस्य संतोषी ध्रुव ने बताया कि लगभग 1 माह पूर्व प्रारंभ हुआ उक्त यूनिट से अभी तक कुल 22 ट्रॉली 16500 वर्ग फीट पेवर ब्लॉक का निर्माण एवं सप्लाई हो चुका है। पेवर ब्लॉक की मांग अधिकतर आसपास के ग्राम पंचायतों द्वारा की जा रही है। जिसमें ग्राम धनेली, खपराडीह, लेवई, कडार एवं भरतपुर शामिल है। इसके साथ ही निजी व्यक्तियों द्वारा भी पेवर ब्लॉक की मांग की जा रही है। अभी तक हमारे संगठन को 2 लाख वर्ग फिट का एडवांस आॅर्डर मिल चुका है। जिसकी विक्रय दर 52 लाख रुपये है। जिससे लगभग 12 लाख रुपये का शुद्ध लाभांश नारी शक्ति ग्राम संगठन के सदस्यों को प्राप्त होगा। उन्होंने आगे बताया कि एक वर्गफीट का 26 रुपये दर निर्धारित की गयी है। जिसमे लगभग 20 रुपये खर्च होता है एवं 6 रुपये की बचत होती है। हमारे यहां 2 प्रकार की पेवर ब्लॉक बनाएं जा रहे है। जिसमें कॉस्मिक एवं जिगजैग प्रकार का शामिल है। कॉस्मिक में 1000 नग में 555 फिट एवं जिगजैग 1000 नग में 357 फिट का पेवर ब्लॉक बन जाता है।
सीमा ध्रुव कहती है की यूनिट के प्रारंभ होने से स्थानीय स्तर में ही हम को रोजगार एवं पर्याप्त मजदूरी साथ ही लाभांश राशि पर्याप्त मिल जा रही है। इसी तरह समूह की अन्य सदस्य मंजू ध्रुव कहती है की रीपा के संचालन से महिला समूह की सभी सदस्य बेहद ही खुश है एवं अतिरिक्त आय प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ परिवार के आर्थिक गतिविधियों में भी अपना हाथ बंटा रही हैं। उन्हें काम की तलाश में अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसी तरह ग्राम गिर्रा की जय चंडी माँ महिला स्व सहायता समूह के द्वारा पेवर ब्लॉक बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। उक्त यूनिट में 25 हजार नग पेवर ब्लॉक तैयार कर ली गयी है गौरतलब है कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गांव में निर्मित की गई गौठान के माध्यम से अब गांव एवं महिलाओं को एक नयी पहचान मिल रही है। गौठान में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) बनाने की परिकल्पना अब साकार हो रही है।