ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से मजदूरी करने वाली सविता सफल व्यवसायी बनी
भोपाल
(सफलता की कहानी)
रतलाम जिले की सविता चौहान राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से सफल व्यवसायी बन गई है। उनकी इस सफलता से अब क्षेत्र की अन्य महिलाएँ भी प्रेरणा ले रही हैं।
रतलाम से 20 किलोमीटर दूर कलोरीखुर्द गाँव की रहने वाली सविता चौहान पहले मजदूरी करती थी। ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्व-सहायता समूह की जानकारी मिलने पर वे भी समूह की महिलाओं के साथ जुड़ गईं। शुरूआत में सविता ने छोटी बचत करना शुरू की। इसके बाद सविता और उनके समूह की महिलाओं को अचार बनाने की ट्रेनिंग दिलाई गई। सविता ने एक लाख रूपये का लोन लिया और अचार बनाने का काम शुरू किया। इस वर्ष उनके समूह को 50 किलोग्राम अचार बनाने का ऑर्डर मिला है।
पिछले वर्ष सविता ने 2 क्विंटल आम, 50 किलोग्राम लहसुन, 10 किलोग्राम नींबू और 5 किलोग्राम मिर्च का अचार विक्रय किया। उनका समूह लगातार प्रगति कर रहा है। कक्षा आठवीं तक पढ़ी सविता चौहान आगे भी पढ़ने की इच्छा रखती हैं। उनके 2 बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। सविता ने अचार व्यवसाय के लिये मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का सहारा लेकर अब 2 लाख रूपये का व्यक्तिगत ऋण भी प्राप्त कर घर पर ही किराना की छोटी दुकान भी खोल रखी है। उनके पति जो पहले मजदूरी किया करते थे, का भी भवन निर्माण में सेंटरिंग का काम शुरू हो गया है।
प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से ग्रामीण क्षेत्र की अनेक महिलाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है, जिसका प्रमाण है सविता।