भोपालमध्यप्रदेश

सागर में संत रविदास स्मारक बनने से उनकी शिक्षा का प्रकाश पूरे विश्व में फैलेगा

समरसता यात्रा के स्वागत के लिये सिवनी, सीधी, भिण्ड, रतलाम, बड़वानी में उमड़ा जनसैलाब

भोपाल

संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थान से निकाली जा रही समरसता यात्राएँ 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे। यात्राओं ने चौथे दिन रतलाम, सीधी, सिवनी, भिण्ड, बड़वानी जिले में सद्भावना का संदेश दिया।

संत रविदास समरसता यात्राओं में प्रतिदिन जनसैलाब जुड़ रहा है। यात्रा के चौथे दिन आज रतलाम में संत सुधाकर पुरी जी महाराज, सीधी जिले में चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी, सिवनी जिले में विधायक राकेश पाल, भिण्ड जिले में स्थानीय जन-प्रतिनिधि एवं नगारिकों और बड़वानी जिले में पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने संत रविदास की पादुका और कलश की पूजा-अर्चना कर यात्रा को नगर भ्रमण कराया।

रतलाम

नीमच से 25 जुलाई को प्रारंभ संत शिरोमणि रविदास समरसता यात्रा ने शुक्रवार को रतलाम जिले के आलोट विकासखंड में प्रवेश किया। संत सुधाकर पुरी महाराज, पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत सहित अन्य जन-प्रतिनिधियों ने चरण पादुका और कलश की पूजा-अर्चना कर यात्रा को नगर भ्रमण कराया।

यात्रा के भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायतों से सागर जिले में बनने वाले मंदिर निर्माण के लिए पवित्र नदियों से जल एवं मिट्टी का संग्रहण किया गया।

सीधी

सिंगरौली से 26 जुलाई को प्रारंभ समरसता यात्रा का चौथे दिन सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र के सभी गाँवों में भव्य स्वागत किया गया। यात्रा प्रभारी डॉ. कैलाश जाटव तथा विधायक चुरहट शरदेंदु तिवारी सहित उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा गुरु रविदास की चरण पादुका की पूजा-अर्चना की गई। यात्रा हत्था, अगडाल होते हुए रामपुर नैकिन पहुँची जहाँ विशाल जन-समुदाय के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर यात्रा प्रभारी डॉ. जाटव तथा विधायक चुरहट तिवारी द्वारा 50 लाख रुपये लागत से रामपुरनैकिन में संत रविदास सामुदायिक भवन निर्माण का भूमि-पूजन किया गया। साथ ही विभिन्न समुदायों के संत जनों का शाल और श्रीफल से सम्मान किया गया। संत रविदास पर केंद्रित चित्रकला, भाषण प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

इसके बाद यात्रा भितरी, कुआं, कोष्टा कोठार, चुरहट, साड़ा, दुअरा, कुश्परी, बरीगंवा, पटपरा, कोल्हूडीह, हटवा, घोघरा, पहाड़ी, सोनवर्षा होते हुए अमिलिया में रात्रि विश्राम करेगी। यात्रा 29 जुलाई को सुबह 7 बजे ग्राम पिपराही विकासखण्ड हनुमना जिला रीवा के लिए प्रस्थान करेगी।

सिवनी

बालाघाट से 25 जुलाई को प्रारंभ यात्रा शुक्रवार 28 जुलाई को सिवनी जिले के ग्राम पलारी से प्रारंभ होकर कुडारी, होती हुई धनौरा पहुँची। विधायक राकेश पाल ने यात्रा का स्वागत किया। यात्रा प्रभारी प्रवीण मेश्राम, पूर्व विधायक ढालसिंह मर्सकोले सहित अन्य जन-प्रतिनिधियों ने संतरविदास जी की चरण पादुका की पूजा-अर्चना की।

बड़वानी

धार से 25 जुलाई को प्रारंभ संत रविदास समरसता यात्रा को दूसरे दिन बड़वानी में पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने संत जी की चरण पादुका का पूजन-अर्चन कर नगर भ्रमण कराया। यात्रा का बड़वानी शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरने पर सभी वर्गों के लोगों ने पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया।

भिण्ड

श्योपुर से 25 जुलाई को प्रारंभ समरसता यात्रा का आज भिण्ड जिले के विकासखण्ड अटेर के ग्राम उदोतगढ़ में प्रवेश करने पर मध्यप्रदेश बाँस एवं बाँस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया, पूर्व विधायक मुन्ना सिंह द्वारा हर्षोल्लास के साथ आत्मीय स्वागत किया गया। संत शिरोमणि रविदास जी की चरण पादुका का पूजन कर उन्हें अपने सर पर उठाकर यात्रा को भ्रमण कराया।

29 जुलाई की समरसता यात्रा का रूट

नीमच से प्रारंभ प्रथम रूट की समरसता यात्रा पाँचवें दिन 29 जुलाई को रतलाम, द्वितीय रूट की धार से प्रारंभ यात्रा खरगोन, तृतीय रूट की श्योपुर से प्रारंभ यात्रा भिण्ड, चतुर्थ रूट की बालाघाट से प्रारंभ यात्रा सिवनी एवं पाँचवें रूट की सिंगरौली से प्रारंभ यात्रा रीवा में संत रविदास के संदेशों को जन-जन तक पहुँचायेगी।

 

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