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बाबा बागेश्वर को दूंगा 1 करोड़ का चेक… अब इस शख्स ने दे दिया धीरेंद्र शास्त्री को ओपन चैलेंज

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा के एक आयुर्वेदाचार्य ने बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री को एक करोड़ रुपए का चैलेंज दिया और साथ ही एक शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा, अगर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री, मेरे द्वार लिखे एक पर्चे को अपने पास से लिख कर दिखा दें तो मैं उन्हें एक करोड़ रुपए का चेक दूंगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगह धीरेंद्र शास्त्री ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनको मुझे 11 लाख रुपए देने होंगे। इस दौरान उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री पर समाज में अंधविश्वास फैलाने का भी आरोप लगाया। मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा में रहने वाले आयुर्वेदाचार्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश को ओपन चैलेंज करते हुए कहा कि मैं धीरेंद्र शास्त्री को एक करोड़ रुपए का चेक दूंगा, अगर वो मेरे लिखे पर्चे को अपने पास से लिख कर दे दें। धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज देने के दौरान उन्होंने कहा कि शास्त्री मंच से लोगों के भूत-प्रेत भगाने का अश्वासन दे रहे हैं जबकि ये अंधविश्वास है।

आयुर्वेदाचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री पर लोगों की प्राइवेसी भंग करने का भी आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के पास लोग अपने दुख लेकर आते हैं और वो मंच से लोगों की प्राइवेट बातें बताने लगते हैं। ये सीधे-सीधे लोगों की प्राइवेसी का हनन है। उन्होंने कहा धीरेंद्र शास्त्री अगर ये चैलेंज हारते हैं तो उन्हें मुझे 11 लाख रुपए देने पड़ेंगे, मैं इन पैसों से सड़कें बनवाऊंगा।

अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने दिया था 30 लाख का चैलेंज
बीते दिनों नागपुर में कथा के दौरान भी धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज किया गया था। उस समय अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री को इसी तरह का चैलेंज दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर धीरेंद्र शास्त्री उनके सामने अपनी बातों को साबित कर दें तो वो उन्हें तीस लाख रुपए देंगे। अब वही चैलेंज छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य ने दिया है। दोनों चैलेंज में फर्क ये है कि अब चैलेंज की राशि बढ़कर तीन गुना से ज्यादा हो गई है।

समाज में अंधविश्वास फैलाने का लगा था आरोप
बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री पर बीते कई दिनों से समाज में अंधविश्वास फैलाने का आरोप लग रहा है। हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री इन बातों से इनकार करते हैं और कहते हैं कि ये उनके गुरू का दिया हुआ आशीर्वाद है जिससे वो लोगों के बारे में जान जाते हैं। नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र चैलेंज दिया और आरोप लगाया था कि वो वहां से डर कर कथा बीच में ही छोड़कर भाग आए थे। जिसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि कथा खत्म हो गई थी इसलिए चला आया था।

 

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