धार्मिक

साल में दो बार क्यों मनाई जाती है शनि जयंती, आइये जानते है वजह

वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई (Shani Jayanti celebration ) गई थी। अब फिर शनि जयंती आ गई है। यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं कि महज महीने के भीतर किसी देवता की दूसरी बार जयंती मनाई जाए। लेकिन यह सच है ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) 19 मई को उत्तर भारत में शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाएगी। इससे पहले वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल के दिन दक्षिण भारत में शनि जयंती मनाई गई थी। इसके पीछे की वजह और भी हैरान करने वाला है तो आइये जानते हैं वजह।

एक महीने के भीतर दो बार शनि जयंती मनाने की वजह
एक महीने के भीतर दो बार शनि जयंती मनाए जाने के पीछे की वजह कैलेंडर का अलग-अलग होना है। उज्जैन के पंचांगकर्ता पं. चंदन श्याम नारायण व्यास के अनुसार उत्तर भारत में पूर्णिमांत और दक्षिण भारत में अमावस्यांत कैलेंडर का प्रचलन है। दोनों में महीनों के नाम एक ही हैं और शनि जयंती अमावस्या के दिन ही पड़ती है। लेकिन अमावस्या और पूर्णिमा के बाद से महीने शुरू होने के चलते 15-15 दिन मिलाकर कैलेंडर में एक माह का फर्क आ जाता है।

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