रेप के आरोपी अफसर प्रेमोदय का पोटेंसी टेस्ट; क्यों कराई जाती है यह जांच?
नईदिल्ली
दोस्त की बेटी से दुष्कर्म के आरोपी सहायक निदेशक प्रेमोदय खाखा ने दुष्कर्म के आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसकी नसबंदी हो चुकी है। इस बाबत उसने बुराड़ी पुलिस को प्रमाण पत्र भी दिए। फिलहाल पुलिस ने इन कागजातों को भी अपनी जांच में शामिल कर लिया है। पुलिस ने मंगलवार को प्रेमोदय खाखा को कोर्ट में पेश किया, जहां उसे एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रेमोदय खाखा ने बताया कि उसकी नसबंदी वर्ष 2005 में हो चुकी है। उसने नसबंदी का प्रमाण पत्र भी पेश कर बताया कि वह प्रमाणपत्र को विभाग में जमा कर लाभान्वित भी हुआ है। पुलिस ने कागज को जांच के लिए भेज दिया है। वहीं लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में आरोपी की मेडिकल जांच के साथ पौरुष परीक्षण (पोटेंसी) भी किया गया। इसके बाद शाम को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां प्रेमोदय को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
क्या होता है पोटेंसी टेस्ट
पोटेंसी टेस्ट एक मेडिकल टेस्ट है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की यौन शक्ति या इरेक्टाइल फंक्शन को मापने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्ति नपुंसक है या नहीं इसका पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। कई बार रेप के आरोपी खुद को नपुंसक बताकर बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में कोर्ट के आदेश पर यह टेस्ट करवाकर सच्चाई का पता लगाया जाता है।
कैसे होता है टेस्ट
डॉक्टर्स के अनुसार, पोटेंसी टेस्ट को पाइप टेस्ट भी कहते हैं। इसमें शख्स को पापावेरीन और फेंटालोनीन को मिक्स करके इंजेक्शन दिया जाता है। इंजेक्शन लगने के बाद व्यक्ति के खून की नसें टाइट होने लगती हैं। इसके बाद डॉक्टर प्राइवेट पार्ट का अल्ट्रासाउंड करते हैं। जिससे पता चल सके कि प्राइवेट पार्ट में खून की सप्लाई सामान्य है या कम।
आरोपी को साथ लेकर जगहों की पहचान कराएंगे
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी को साथ लेकर जगहों की पहचान करानी है। इसके अलावा पुलिस ने दस लोगों की सूची बनाई है, जिनसे पूछताछ की जाएगी। इसमें आरोपियों के दोनों बच्चे, नौकरानी और पड़ोसी आदि शामिल हैं। हालांकि आरोपियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि पीड़िता संबंधित अवधि के दौरान उनके घर पर रहती थी। इसके अलावा पुलिस सबूत जमा करने के लिए पीड़िता की डायरी आदि की भी जांच करेगी। पुलिस का मानना है कि अंतरमुखी स्वभाव की पीड़िता कहीं अपनी बात जरूर लिखती रही होगी।
गर्भवती हो गई थी पीड़िता
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच लड़की के साथ कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस के अनुसार, खाखा की पत्नी सीमा रानी ने पीड़िता को कथित तौर पर गर्भ गिराने की दवा दी। खाखा और सीमा रानी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मुख्य सचिव को आरोपी अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया था।