रायपुर
कांग्रेस ने अडानी समूह के फजीर्वाडे और धोखाधड़ी के संरक्षण का आरोप केन्द्र की मोदी सरकार पर लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के अडानी परस्ती वाली नीति के कारण ही अडानी समूह इतना बड़ा घोटाला करने में कामयाब रहा। जिसमें देश की सबसे विश्वसनीय वित्तीय संस्थाये एलआईसी और एसबीआई की शाखा भी खतरे में पड़ गयी है। देशव्यापी मांग और संसद में विपक्षी दल द्वारा लगातार किये गये मांग के बावजूद मोदी सरकार अडानी समूह की घपले बाजी की जांच करवाने को तैयार नहीं है। आखिर प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र सरकार अडानी समूह के आर्थिक घपले बाजी की जांच से घबरा क्यों रहे है? उन्हें जांच से किसका चेहरा बेनकाब होने का डर सता रहा है?
मरकाम ने कहा कि हिंडेनबर्ग खुलासे के लंबा समय बीत जाने के बावजूद अब तक ना कोई एफआईआर, ना किसी भी तरह की जांच का आदेश? आखिर मोदी सरकार मौन क्यों है? हिंडनर्बग के रिपोर्ट में उजागर आर्थिक अनियमितता, मनी लांड्रिंग, ब्लैक मनी और विदेशों में फर्जी सेल कंपनियां बनाकर किए जा रहे हैं फजीर्वाड़े पर भाजपा और मोदी सरकार को भी भागीदार है। अडानी से भाजपा को सपोर्ट मिलता है, चुनाव लड?े के लिए पैसा मिलता है और इसीलिए अडानी को बचाने उसके फजीर्वाड़े पर मोदी सरकार पर्दा डाल रही है।
उन्होंने कहा कि देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकारी बैंकों से अडानी को अनुपातहीन लोन किस के दबाव में दिया गया? षड्यंत्र उजागर होने के बाद भी एलआईसी का पैसा क्यों दबाव पूर्वक अडानी की कंपनी में लगवाया जा रहा है? एलआईसी और एसबीआई देश की जनता का भरोसा है, जिसे षडयंत्र पूर्वक व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पूंजीपत मित्र पर लुटाया जा रहा है। लाखों करोड़ के मनी लांड्रिंग, ब्लैकमनी, विदेशों में फर्जी सेल कंपनी बनाकर अडानी की कंपनी में लगाने के तथ्य उजागर हुए हैं। बाजार में निगरानी रखने की जिम्मेदारी सेबी की होती है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव में सेबी भी मौन है।