यूएस के 400 नेवी पर क्यों मंडरा रही मौत?, ईरान के एक वीडियो से अमेरिका में हाहाकार
नई दिल्ली
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच पूरी दुनिया पहले ही दो फाड़ हो चुकी है। अब दोनों ही तरफ से एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए दांव पर दांव चले जा रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका, रूस और चीन की मुखालफत करने वाले देशों का गठजोड़ बना रहा है। दूसरी तरफ रूस और चीन भी अमेरिका और नाटो देशों का विरोध करने वालों के साथ सामरिक और कूटनीतिक गठजोड़ बना रहा है। नॉर्थ कोरिया के साथ-साथ ईरान इस खेल में अहम कड़ी बनकर उभरा है।
वैसे तो ईरान और रूस रणनीतिक सहयोगी हैं और लंब समय से एक-दूसरे को रक्षा क्षेत्र में मदद करते रहे हैं। सीरिया और इराक के संघर्षों में भी ईरान और रूस सैन्य सहयोगी रहे हैं। रूस ईरान को हथियारों की सप्लाई करता रहा है लेकिन यूक्रेन युद्ध के दौरान ईरान ने रूस को बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन का आपूर्ति की है। इन हथियारों से पूरे यूरोप में हड़कंप मचा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगले कुछ दिनों में इस तरह की ईरानी मिसाइलों का बटन व्लादिमिर पुतिन के पास होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पुतिन ने इन मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन पर किया तो यूरोप दहल सकता है।
टेंशन में क्यों सुपर पावर अमेरिका
ईरान ने इस बीच खुद को सर्वशक्तिमान कहने वाले अमेरिका को भी डरा दिया है। दरअसल, ईरान ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि फारस की खाड़ी में तैनात अमेरिकी नेवी के 40 पोत उसकी जद में हैं। इसमें अमेरिका का सबसे खतरनाक डिस्ट्रॉयर युद्धपोत भी शामिल है। अमेरिका के लिए यह चिंता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि फारस की खाड़ी में तैनात अमेरिकी बेड़े का वीडियो जिस ईरानी ड्रोन ने बनाया है, वह किलर ड्रोन है, जो पल भर में किसी पोत को नेस्तनाबूद कर सकता है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय समेत वाशिंगटन में हाहाकर इस बात पर मचा है कि आखिर इतने नजदीक से आकर ईरानी ड्रोन ने वीडियो कैप्चर कर लिया और अमेरिका को कानो कान खबर तक कैसे नहीं हुई? अमेरिकी एजेंसियां इसे भांप पाने में नाकाम कैसे रहीं? वीडियो में दिख रहा है कि ईरानी ड्रोन ने अमेरिकी पोत को टारगेट पर लिया हुआ है। यही बात व्हाइट हाउस को डरा रही है। इसी बीच ईरान ने 200 ड्रोन एकसाथ लॉन्च कर बड़ा युद्धाभ्यास किया है। ये ड्रोन मिसाइल से लैस हैं। सभी ड्रोन ईरान ने खुद बनाए हैं।
ईरान के पास कई ताकतवर ड्रोन
पूरी दुनिया को अपनी ड्रोन पावर की ताकत दिखाने वाले ईरान ने इस युद्धाभ्यास में चामरोश, यासिर, सादिक पेलिकन, कमान, यजदान, मोहाजिर जैसे ड्रोन को शामिल किया है। ईरान की ड्रोन टेक्नोलॉजी बहुत आगे पहुंच चुकी है। यूक्रेन युद्ध में ईरान रूस को तो ड्रोन सप्लाई कर ही रहा है, इसके अलावा यमन और सीरिया में भी उस्का इस्तेमाल होता रहा है। अब लेबनान में हिजबुल्ला भी ईरानी ड्रोन की मदद ले रहा है।
अमेरिका पर क्यों भड़का है ईरान
ईरान इस वक्त अमेरिका पर भड़का हुआ है। वह बार-बार कहता रहा है कि जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला अब तक पूरा नहीं हो सका है। ईरान में जनरल सुलेमानी का कद ताकतवर सर्वोच्च धार्मिक नेता के बाद दूसरे नंबर था, जिसे अमेरिकी हमले में जनवरी 2020 में मार दिया गया था। ईरान अमेरिका को फारस की खाड़ी से हटने को भी कहता रहा है। ऐसे में अमेरिका को डर है कि कहीं ईरान अपने ताकतवर ड्रोन का इस्तेमाल उनकी नेवी पर ना कर दे। इस वक्त उनकी नेवी के 400 जवान फारस की खाड़ी में तैनात हैं।
संकट में इजरायल
इधर, इजरायल भी सकते में है। उसे डर है कि दुनिया की बड़ी ताकतों की लड़ाई में उसे भुक्तभोगी न बनना पड़ जाय। इजरायल डर रहा है कि ईरान 200 ड्रोन उसकी तरफ न मोड़ दे। इजरायल और सऊदी अरब के बीच दोस्ती कराने के लिए हाल ही में अमेरिका ने बड़ी पहल की थी। इससे भी ईरान खफा है। सऊदी अरब और ईरान के अच्छे संबंध रहे हैं, जबकि ईरान और इजरायल में जानी दुश्मनी है। अमेरिका इजरायल को पैसे देता रहा है और हाल ही में उसे यूरेनियम देने का भी प्लान तैयाार किया है। अमेरिका सऊदी के जरिए भी ईरान पर नकेल कसना चाहता है।