राजनीति

CM बनने से पहले ही सिद्धा पर क्यों आक्रामक हुए उनके ही करीबी 2 पूर्व मंत्री, दोनों ने गिराई थी गठबंधन सरकार

नई दिल्ली
2019 में पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए दो पूर्व मंत्रियों के सुधाकर और एसटी सोमशेखर गौड़ा ने बुधवार को कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर बड़ा हमला बोला है और 2019 में जेडीएस-कांग्रेस शासन के पतन के लिए सिद्धारमैया को जिम्मेदार ठहराया है। दोनों के आरोप से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है क्योंकि दोनों नेता पूर्व सीएम सिद्धारमैया के करीबी वफादार थे।

के सुधाकर और एसटी सोमशेखर गौड़ा की जोड़ी उन 17 विधायकों में शामिल थी, जिन्होंने 2019 में एचडी कुमारस्वामी की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिराकर बीएस येदियुरप्पा की भाजपा सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि भाजपा के दोनों नेताओं के बयान का मकसद, मुख्यमंत्री पद पर सिद्धारमैया की दावेदारी को कमजोर करना और डीके शिवकुमार की संभावनाओं को बल देना है। दोनों नेताओं ने गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया पर असहायता का हवाला देते हुए अपने साथी पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद करने से इनकार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "आखिरकार हममें से कुछ को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की रक्षा के लिए अनिवार्य रूप से कांग्रेस छोड़नी पड़ी और उपचुनावों में लोगों के पास जाना पड़ा।"

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने बुधवार को एक ट्वीट में 17 विधायकों के दल-बदल के लिए सिद्धारमैया को दोषी ठहराया है। ट्वीट में सुधाकर ने कहा कि सिद्धारमैया के एक कदम ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को ध्वस्त कर दिया था और भाजपा सरकार का मार्ग प्रशस्त किया था। भाजपा नेता ने गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय समिति के अध्यक्ष रहे सिद्धारमैया पर असहयोग का हवाला देते हुए सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं की मदद करने से इनकार करने का आरोप लगाया है। सुधाकर ने कहा कि इसी वजह से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की रक्षा के लिए हमें कांग्रेस छोड़ना पड़ा और उपचुनावों में जाना पड़ा।

सोमशेखर गौड़ा ने भी सुधाकर की बातों को आगे बढ़ाते हुए ट्वीट किया, "सिद्धारमैया की लाचारी की वजह से ही हमें पार्टी छोड़ने की प्रेरणा मिली।" 10 मई को हुए हालिया विधानसभा चुनाव में सुधाकर अपनी विधानसभा सीट चिक्कबल्लापुर से हार गए हैं, जबकि सोमशेखर यशवंतपुर से जीत गए हैं। दोनों नेताओं के बयान ऐसे समय में आए हैं, जब कांग्रेस पार्टी कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन कर रही है और बैठकों का दौर चल रहा है। दोनों ही नेता (सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार) सीएम पद की रेस में बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने दोनों को बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति दे दी है और दोनों नेता इस पर राजी भी हो गए हैं। आज संभवत: इसका ऐलान हो सकता है।

 

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