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कहां से बनी मध्यप्रदेश में एंटीकंबेंशी

कांग्रेस पार्टी अपनी पार्टी के साल 2019 में हुई पार्टी की टूट को भी नहीं भुना पाई

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी लगातार एंटीकंबेशी का राग अलापते हुए सत्ता परिवर्तन का राग अलाप रही थी। राजनैतिक विश्लेशकों की माने तो कांग्रेस पार्टी अपनी पार्टी के साल 2019 में हुई पार्टी की टूट को भी नहीं भुना पाई। कैसे चुनाव मैदान में जाकर एंटीकंबेशी का माहौल तैयार कर दिया, जबकि विकास यात्रा का लगातार स्वागत और मुख्यमंत्री का दौरा कार्यक्रम तैयार कर भाजपा ने चुनावी रण का मैदान तैयार करते हुए उसे फतह भी कर लिया। लेकिन कांग्रेस नेता सहित प्रदेश कांग्रेस के कर्ताधर्ता एवं रणनीतिकार सिर्फ अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पद से नवाज रही थी। जनता के पास जाना तो दूर, मुलभूत समस्याओं का समाधान भी नहीं करवा रही थी। वहीं जहां पर समस्याएं थीं वहां पर कांग्रेस नेताओं ने आवाज नहीं उठाई और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटे रहे। कागजी हवाहवाई में रहे पदाधिकारी: सूत्र चुनावी दुरगामी अवसर के बजाए कागजी हवाहवाई और सिर्फ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहे। कहीं समस्याओं और पार्टी की और से आवाज उठाने से कतराते रहे वहीं आंदोलनों में भी कहीं भी एक्टिव नहीं रहे।

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