श्रीलंका ने भेजे क्या संकेत – हिन्द महासागर में घुसा चीन का शक्तिशाली जासूसी जहाज शि यान 6
नई दिल्ली
चीन का शक्तिशाली जासूसी जहाज शि यान 6 हिन्द महासागर में घुस चुका है और भारत की तरफ बढ़ रहा है। श्रीलंका ने एक मिश्रित संदेश भेजकर इसकी जानकारी साझा की है। फिलहाल यह जहाज हिन्द महासागर के बीचो-बीच 90 डिग्री पूर्वी देशांतर के रिज पर है और लगातार श्रीलंका की तरफ बढ़ रहा है। शि यान 6 जहाज विज्ञान और शिक्षा के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना की एक प्रमुख परियोजना है। अपने उद्घाटन के दो साल बाद, जहाज ने 2022 में पूर्वी हिंद महासागर में अपनी पहली यात्रा सफलतापूर्वक की थी।
बता दें कि श्रीलंका की रानिल विक्रमसिंघे सरकार ने अक्टूबर में कोलंबो बंदरगाह पर इस चीनी अनुसंधान पोत को खड़ा करने की अनुमति दी है। 2019 के बाद से हिंद महासागर क्षेत्र में चीन लगभग 48 वैज्ञानिक अनुसंधान जहाजों को तैनात कर चुका है। इन सभी जहाजों की तैनाती बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर और फारस की खाड़ी तक है।
इस बीच, श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी के हवाले से सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कोलंबो ने चीनी जहाज शि यान 6 को भारतीय सुरक्षा चिंताओं के कारण द्वीपीय राष्ट्र श्रीलंका की तरफ आने की अनुमति नहीं दी गई है। हालाँकि, बाद में उन्होंने यह कहकर अपनी टिप्पणी को स्पष्ट किया था कि श्रीलंका और चीन के बीच बातचीत चल रही है और अगर चीनी जहाज श्रीलंका की मानक संचालन प्रक्रियाओं का अनुपालन करता है, तो कोई समस्या नहीं होगी।
एक महीने पहले, अमेरिकी थिंक टैंक को दिए गए एक इंटरव्यू में श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि श्रीलंका में कोई चीनी जासूसी जहाज नहीं है और अगर जहाज श्रीलंका द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन करता है तो डॉकिंग की अनुमति में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। चीनी पोत शि यान 6 अगले महीने अक्टूबर-नवंबर के बीच श्रीलंकाई ईईजेड और उससे आगे संयुक्त सैन्य वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा।