संदेशखाली केस को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
नई दिल्ली
संदेशखाली केस को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। वहां, उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। जिसमें केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया गया है। ममता सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका डाली। हाई कोर्ट ने इससे पहले अपने फैसले में ममता सरकार को आदेश दिया कि वह आरोपी शाहजहां शेख को आज शाम तक सीबीआई की हिरासत में सौंप दें।
आज कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली केस में फैसला सुनाकर ममता बनर्जी सरकार को झटका दिया। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया कि ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित किया जाए। अदालत ने पश्चिम बंगाल पुलिस को मामले के मुख्य आरोपी शाजहान शेख को मंगलवार शाम तक सीबीआई को सौंपने का भी आदेश दिया। हालांकि फैसले से पहले ममता सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। अब कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मामले में याचिका डालते हुए ममता सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से दरख्वास्त की कि वे मामले में जल्द सुनवाई करें।
अब कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मामले में याचिका डालते हुए ममता सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से दरख्वास्त की कि वे मामले में जल्द सुनवाई करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। साथ ही मामले का उल्लेख रजिस्ट्रार से करने का आदेश दिया है। सिंघवी ने मामले में दलील दी कि अगर मामले में तत्काल सुनवाई नहीं की जाती है तो कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें आज शाम तक केस पेपर और शहाजहां शेख को सीबीआई के पास सौंपना है, इसलिए अगर समय पर सुनवाई नहीं हुई तो यह अवमानना का मामला होगा।
गौरतलब है कि शहाजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर सीआईडी को सौंप दी थी, जो अब सीआईडी की पुलिस रिमांड में है। टीएमसी नेता को पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था।