व्यापार

Washington apple अब होगा सस्ता, मोदी सरकार ने घटाई ड्यूटी

नईदिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका के पांच दिवसीय दौरे से लौटे हैं. अपनी विजिट में उन्होंने एक तरफ बड़े उद्योगपतियों और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने PM मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया. अब उनके दौरे का असर भारत और अमेरिका के रिश्तों पर भी नजर आने लगा है.

पीएम मोदी की विजिट के बाद भारत ने अमेरिका के प्रसिद्ध वॉशिंगटन सेब (Washington Apple) समेत 8 प्रोडक्ट से 20% कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला लिया है. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले के बाद अमेरिका के बाजार में भारत के स्टील और एल्युमीनियम एक्सपोर्ट की पहुंच आसान हो जाएगी.

सरकार के इस फैसले पर घरेलू सेब उत्पादकों ने चिंता जतानी शुरू कर दी है. इसके जवाब में सरकार ने कहा है कि फैसले से घरेलू उत्पादकों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. बल्कि, इससे प्रीमियम बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा. उन्हें कम दामों पर अच्छी क्वालिटी के सेब मिल सकेंगे. सरकार का कहना है कि कस्टम ड्यूटी सिर्फ प्रीमियम क्वालिटी के सेब पर ही कम की जाएगी.

भारत ने क्यों बढ़ाई थी इंपोर्ट ड्यूटी?

बता दें कि भारत सरकार ने साल 2019 में वॉशिंगटन एप्पल पर 20% अतिरिक्त ड्यूटी लगाई थी. ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि तब अमेरिका ने भारत से एक्सपोर्ट होने वाले स्टील और एल्यूमीनियम के प्रोडक्ट पर टैरिफ बढ़ा दिया था. चार साल पहले अमेरिकी सेब पर भारत में लगाई गई 20% इंपोर्ट ड्यूटी के बाद उसका इंपोर्ट भारत में घटता ही जा रहा है. अगर 2018-19 की बात की जाए तो इस साल भारत में 1.27 लाख टन वॉशिंटन एप्पल का इंपोर्ट किया गया था. इसकी कीमत करीब 14.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी. वहीं, 2022-23 में यह आयात घटकर महज 4.4 हजार टन रह गया था.

दूसरे देशों ने उठाया था फायदा

अमेरिकी सेब पर ड्यूटी बढ़ाने का फायदा दूसरे देशों से इंपोर्ट होने वाले सेब को मिला था. 2018-29 में जहां दूसरे देशों से 16 करोड़ अमेरिकी डॉलर के सेब आयात किए गए थे तो वहीं 2022-2023 को यह इंपोर्ट बढ़कर 29 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया था. अमेरिका के इस गैप को तुर्की, इटली, चिली, ईरान और न्यूजीलैंड से आने वाले सेब ने भर दिया था.

क्या है वॉशिंगटन एप्पल की खासियत?

अमेरिका के वॉशिंगटन में पैदा होने वाला सेब प्रीमियर क्वालिटी का होता है. भारत समेत कई देशों में इसकी काफी डिमांड है. भारत के 20 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क बढ़कर 70 फीसदी हो गया था. इतनी भारी ड्यूटी लगने के कारण यह सेब भारत के घरेलू सेब से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा था.

हिमाचल प्रदेश के CM ने की आलोचना

मोदी सरकार के इस फैसले की हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह सेब उत्पादकों के हितों के लिए हानिकारक है. सुक्खू सेब पर आयात शुल्क को लगातार 70 से 100 फीसदी तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि आयात शुल्क बढ़ाने के बजाय, केंद्र सरकार ने वॉशिंगटन सेब पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत कम कर दिया है, जो सेब उत्पादकों के हितों के खिलाफ है.

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button