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कोंकण रेलवे की पटरियों पर जल्द ही दौड़ेगी वंदे भारत, जून में होगी शुरुआत

नई दिल्ली
 सुंदर नजारों से भरे कोंकण रेलवे की पटरियों पर भी जल्द ही वंदे भारत दौड़ने वाली है. मुंबई से गोवा जाने वाली इस सेमी-हाइ स्पीड ट्रेन के जून में चलने की उम्मीद है. पिछले कुछ दिनों से गोवा के मडगांव और मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस(सीएसटी) के बीच ट्रेन का ट्रायल चल रहा है. यह ट्रेन भारत की आर्थिक राजधानी और देश के पर्यटन केंद्र गोवा के बीच सफर की सूरत बदल कर रख देगी.

अभी भी कुछ ट्रेन हैं जो मुंबई और गोवा को जोड़ती हैं, लेकिन वंदे भारत उन सभी से तेज गति की ट्रेन है. यह दोनों शहरों के बीच की यात्रा को महज 7 घंटे में पूरा कर देगी. कोंकण रेलवे के अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर जानकारी दी कि अब तक दो स्टेशन के बीच 8 से 9 घंटे का वक्त लगता था. हालांकि अधिकारी ने उद्घाटन की संभावित तारीख और प्रस्तावित रूट के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी तारीख को अंतिम रूप देना बाकी है.

कोंकण रेलवे यानी प्राकृतिक नजारों का सफर
कोंकण रेलवे को भारत के सबसे सुंदर सफर में से एक माना जाता है. यह मुंबई और मंगलोर को जोड़ता है और महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक से गुजरता है. यह उस जगह पर बना जहां इसके पूर्व में सहयाद्री पहाड़ियां और पश्चिम में अरब सागर है. कोंकण रूट पर 26 जनवरी, 1998 को पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई थी, इस साल इसने 25 साल पूरे किए हैं.

 

कोंकण रेलवे की कुल लंबाई 750 किमी है जिसमें गोवा-मुंबई रूट भी शामिल है. इस रूट में करीब 72 स्टेशन आते हैं और पूरा सफर नदी, घाटी और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है. इस पूरे सफर में 91 सुरंग आती हैं जो 85 किमी की दूरी कवर करती हैं. इस रूट पर सबसे लंबी सुरंग रत्नागिरी के पास कारबुदे सुरंग है जिसकी लंबाई 6.5 किमी है. इसके साथ ही इस रूट पर 342 मोड़, 1880 ब्रिज हैं, जिसमें 179 बड़े और 1701 छोटे ब्रिज शामिल हैं. करीब 372 सड़क भी इस रूट को पार करती हैं.

मुंबई-गोवा वंदे भारत के बारे में
अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई-गोवा रूट पर चलने वाली सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत पूरी तरह से एसी होगी. यह मुंबई से मडगांव के बीच पूरी तरह सुंदर नजारों से भरे हुए 600 किमी की दूरी को तय करेगी. सफर करने के दौरान यात्रियों को खूबसूरत कोंकण क्षेत्र और वेस्टर्न घाट के नजारे देखने को मिलेंगे. उन्होंने बताया कि इस रूट पर काफी पहले से वंदे भारत के चलाए जाने की मांग उठ रही थी. चूंकि यह सिंगल लाइन ट्रैक है इसलिए यहां काम करना चुनौतीपूर्ण रहा. रेलवे के केंद्रीय राज्य मंत्री राओसाहेब दानवे ने मार्च में घोषणा की थी कि जल्दी ही मुंबई-गोवा रूट पर वंदे भारत चलेगी.

अधिकारी ने बताया कि कोंकण रेलवे के लिए यह पहली वंदे भारत होगी. ट्रेन का सफलतापूर्वक ट्रायल हमारे लिए मील का पत्थर है. गोवा एक पर्यटन स्थल है, जहां जाने के लिए हमेशा भीड़ बनी रहती है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए इस रूट पर वंदे भारत चलाने को लेकर काफी पहले से मांग उठ रही थी.

मुंबई के लिए चौथी वंदे भारत
अब तक मुंबई से तीन वंदे भारत ट्रेन संचालित हो रही हैं. जो गांधीनगर, शिरडी और सोलापुर के लिए चलती हैं. यह देश की आर्थिक राजधानी से चलने वाली चौथी वंदे भारत होगी. भारत में अभी कुल 18 जोड़ी वंदे भारत ट्रेल चल रही हैं जिसमें गुवाहाटी से न्यू जलपाइगुड़ी के बीच चलने वाली ट्रेन हाल ही में शुरू हुई है. इससे पहले महीने की शुरुआत में ओडिशा से पहली वंदे भारत रवाना हुई थी जो पुरी से हावड़ा के बीच चलती है.

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