वंदे भारत में है दम, नए बदलाव के साथ जल्द होगी पटरी पर फर्राटा
नईदिल्ली
देश भर में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की लोकप्रियता को देखते हुए रेलवे जल्द ही अलग-अलग रूटों पर इस ट्रेन को लाने की तैयारी कर रहा है। अब तक 14 ट्रेनें अमल में लाई जा चुकी हैं। 15 वीं ट्रेन पुरी से हावड़ा के बीच चलने वाली है, जिसे पीएम मोदी हरी झंडी दिखा कर रवाना कर सकते हैं। इस साल 15 अगस्त तक पर्यटन स्थलों और तीर्थ स्थलों तक वंदे भारत की पहुंच बनाना रेलवे का लक्ष्य हो गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि उत्तर भारत के बजाए ज्यादा से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन दक्षिण के राज्यों में होने वाला है। मौजूदा वक्त में चल रही वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता को देखते हुए इसके कोच की संख्या बढ़ाई जा रही है।
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में रेल मंत्रालय की तरफ से सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से तिरुपति के लिए एक वंदे भारत ट्रेन को व्यक्तिगत रूप से हरी झंडी दिखाई थी। हालांकि, दक्षिण मध्य रेलवे की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि नई 16-कोच वाली ट्रेन कब मौजूदा आठ-कोच वाली ट्रेन की जगह लेगी। देश भर से वंदे भारत ट्रेनों को लोकप्रियता को देखते हुए रेलवे अधिकारी अचंभित हैं।
सुपरहिट है वंदे भारत
बता दें सुदूर दक्षिण राज्य केरल में हाई स्पीड ट्रेन की सेवा शुरू करने के बाद सिर्फ छह दिनों में वंदे भारत एक्सप्रेस ने 2 करोड़ 70 लाख रुपये की कमाई कर ली है। कासरगोड से तिरुवनंतपुरम के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन एक सोना साबित हुए है। इस ट्रेन ने टिकटों कलेक्शन के मामले में सबसे अधिक कमाई की है। वंदे भारत एक्सप्रेस ने 28 अप्रैल से 3 मई के बीच चलने के दौरान बंपर कमाई करते हुए रेलवे के खजाने में करोड़ों रुपये भरे हैं।
छह दिनों में हुई इतनी कमाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाई गई हरी झंडी के बाद इस ट्रेन को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है। इस ट्रेन की औसतन कमाई 18 लाख रुपये हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस ने 28 अप्रैल को तिरुवनंतपुरम-कासरगोड सेवा के लिए 19.5 लाख बटोरे। वहीं 29 अप्रैल को 20.30 लाख, 30 अप्रैल को 20.50 लाख, 1 मई को 20.1 लाख, 2 मई को 18.2 लाख और 3 मई को 18 लाख रुपये रेलवे के खजाने में भर दिए। साउथ के राज्यों के चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की तुलना में केलर में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन 'सोने' के समान है। इस दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस में 27,000 लोगों ने सफर किया और 31,412 बुकिंग की जा चुकी है।