उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता को ‘‘ईश्वरीय कार्य” बताते हुए पूरे प्रदेश को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने का आह्वान किया, स्वयं लगाई झाड़ू
अयोध्या
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता को ‘‘ईश्वरीय कार्य'' बताते हुए प्रदेश भर के ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों से अयोध्या में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व पूरे प्रदेश को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने का आह्वान किया है। सीएम योगी लोगों को प्रेरित करने के लिए खुद भी भगवान राम की नगरी में झाडू लगा कर ये संदेश लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या में देश दुनिया के लोग आज अयोध्या आने के लिए आतुर है। जो लोगों राम को काल्पनिक बातते थे अब वह लोग भी अयोध्या आने की बात कर रहे है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाएं
बता दें कि शनिवार को प्रदेशभर के ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष स्वच्छता अभियान में भावना के साथ जुड़कर पूरे देश को एक नया संदेश दिया जाना चाहिए। योगी ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राष्ट्रीय उत्सव की तिथि बताते हुए कहा, ‘‘पांच सौ वर्षों के इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम के नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने का उत्सव सिर्फ अयोध्या का नहीं है, बल्कि यह हर गांव, हर घर और हर जन का उत्सव है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व उत्सव है तो हर गांव और हर घर तक तैयारियां भी उसी अनुरूप होनी चाहिए। यह प्रयास होना चाहिए कि श्रीराम उत्सव पर हर घर, देव मंदिर पर दीपोत्सव मने। घरों, मंदिरों और सार्वजनिक/सामुदायिक स्थलों पर राम नाम संकीर्तन हो। गांवों के अमृत सरोवरों पर भी दीपोत्सव मनाएं।
ग्राम प्रधान और सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधि स्वच्छता का महत्व समझाएं
उन्होंने कहा, ‘‘ग्राम प्रधान और सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधि इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। श्रीरामलला के विराजमान उत्सव को अभूतपूर्व उल्लास से भरने का कार्य 14 जनवरी को विशेष स्वच्छता अभियान से प्रारंभ हो जाएगा और हर कस्बे, हर गांव, हर परिवार और हर व्यक्ति की इसमें सहभागिता अपेक्षित है।'' योगी ने कहा, ‘‘देव मंदिरों को स्वच्छ बनाकर उन्हें सुंदरता से सजाया जाए। ग्राम प्रधान इसके लिए खुद प्रयास करने के साथ हर ग्रामवासी को जागरूक करें, उन्हें स्वच्छता का महत्व समझाएं। स्वच्छता ईश्वर को तो प्रिय है ही, तमाम बीमारियों को दूर रखने में भी अनिवार्य है।