प्रदेश में बेमौसम बारिश साढ़े पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं भीगा
भोपाल
प्रदेश भर में बेमौसम हो रही बारिश से प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी भी प्रभावित हो रही है। प्रदेश के बीस जिलों में असमय वर्षा के कारण खरीदी केन्द्रों, वाहनों में रखे जाने और परिवहन के दौरान साढ़े पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं भीगने के समाचार है। इस गेहूं को सुखाने और बचाने का प्रबंध जिला स्तर पर किया गया है। खाद्य विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट बुलाई गई है। वहीं खाद्य विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि यदि जिलों में बारिश होती है तो वे स्थानीय स्तर पर खरीदी स्थगित करने का निर्णय ले सकते है। जहां खरीदी स्थगित होगी वहां दुबारा खरीदी के लिए स्लाट नए सिरे से दिए जाएंगे।
प्रदेश के कई स्थानों पर पिछले चार दिनों से रुक-रुक का हो रही बारिश के कारण खरीदी के बाद उपार्जन केन्द्रों पर खुले में रखा गेहूं और परिवहन के लिए वाहनों में भरे जाने के दौरान अचानक बारिश होने से कई जिलों में गेहूं पानी से भीग गया। नर्मदापुरम के सर्वाधिक 62 केन्द्रों पर 2479 मीट्रिक टन और सिवनी जिले के पंद्रह केन्द्रों पर 2580 मीट्रिक टन गेहूं भीगने की खबर है। इसके अलावा सागर, मंडला, इंदौर, भोपाल, दमोह सहित कुछ अन्य जिलों में भी गेहूं भींगने की खबर है। सागर में सत्तर मीट्रिक टन और मंडला में पचास मीट्रिक टन तथा इंदौर में 47 और भोपाल में 25 मीट्रिक टन गेहूं भीगने की खबर है। बारिश को देखते हुए प्रदेश के सभी 3 हजार 808 केन्द्रों पर सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 86 केन्द्रों पर गेहूं भीगने की जानकारी आई है। प्रदेशभर में अब तक 55 लाख 59 हजार 700 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। इसमें से 53 लाख 95 हजार मीट्रिक टन गेहूं गोदामों में सुरक्षित रुप से रखा जा चुका है। किसानों को 4927 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
खरीदी स्थगित करने कलेक्टर अधिकृत
खाद्य संचालक दीपक सक्सेना ने जिलों में असामयिक वर्षा को देखते हुए सभी कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया है कि वे बारिश प्रभावित चिन्हित क्षेत्रों में उपार्जन केन्द्रों पर उपार्जन कार्य अपने स्तर पर स्थगित कर सकते है। उपार्जन स्थगित होने के कारण जिन केन्द्रो से खरीदी नहीं की जा सकेगी वहां किसानों को पुन: स्लाट बुकिंग की सुविधा दी जाएगी। उपार्जित गेहूं को वर्षा से बचाने के लिए सभी एहतियातन उपाय करना सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए है। उपार्जन केन्द्रों पर भंडारित गेहूं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उपार्जन करने वाली संस्था की है। बारिश की स्थिति में उपार्जन केन्द्र पर खुले में भंडारित संपूर्ण गेहूं को यथासंभव गोदाम में भंडारित कराया जाए अथवा तिरपाल से अच्छी तरह ढकने की व्यवस्था कराने के निर्देश भी उन्होंने कलेक्टरों को दिए है।