रायपुर
छत्तीसगढ़ का परम सौभाग्य है कि राजधानी रायपुर की धरा पर पूज्य श्री विराग मुनि जी की अखण्ड 121 उपवास की तपस्या पूर्ण हो रही है। ऐतिहासिक 121 उपवास की तपश्चर्या की अनुमोदना का पूरे देश के श्रद्धालुओं में अपूर्व उत्साह है। श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व चमत्कारी श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी, भैरव सोसायटी के आव्हान पर छत्तीसगढ़ के शहरों व गांव गांव में निवासरत गुरुभक्तों सहित पूरे देश के श्रद्धालुओं ने जैन संत श्री विराग मुनि जी के 121 उपवास तपस्या की अनुमोदना हेतु पद्मासन मुद्रा में 121 नवकार महामंत्र का जाप किया।
श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में अनेक जैन मंदिरों, उपाश्रय, स्थानक भवन, घरों व ट्रेनों में सफर करते हुए गुरुभक्तों ने श्री विराग मुनि जी की 121 उपवास की तपस्या में एक एक उपवास को स्मरण कर नवकार जाप से अनुमोदना की। महेन्द्र कोचर ने आगे बताया कि देश के अनेक प्रांतों से सामुहिक , पारिवारिक व अकेले में नवकार जाप की जानकारी मिली है। गुरुभक्तों ने श्री विराग मुनि जी के 121 उपवास की कठिन तपस्या की अनुमोदना में सवा करोड़ से ज्यादा नवकार महामंत्र का जाप किया।
अनेक गुरुभक्तों ने घुटनों में प्रॉब्लम की वजह से पद्मासन की जगह अन्य मुद्राओं में नवकार जाप किया। कुछ गुरुभक्तों ने सफर में होने पर ट्रेनों में पद्मासन मुद्रा में नवकार जाप कर श्री विराग मुनि जी के 121 उपवास के दीर्घ तपस्या की अनुमोदना की। अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने कहा कि नवकार महामंत्र का जाप अति मंगलकारी माना जाता है , जैन संत श्री विराग मुनि जी की 121 उपवास की तपस्या और सवा करोड़ से ज्यादा नवकार जाप छत्तीसगढ़ की 2 करोड़ 30 लाख जनता के लिए सुख समृद्धि, अहिंसा, दया, करुणा, धार्मिक सौहार्द व भाईचारे का सन्देश देगी।