रायपुर
रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना एक सुखद सहारा बनी है। प्रदेश के ऐसे युवा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी सहित अन्य खर्चे उठाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है, इस योजना के तहत मिली राशि से वे अपनी जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं। यह योजना अनेक युवाओं के भविष्य को एक नया आयाम देने में सहायक बन गया है।
मनेंद्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चैनपुर में रहने वाली सुश्री मीनू चौरसिया भी एक बेरोजगार युवा है जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी होटल व्यवसाय में काम करते हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पहले उन्हें पुस्तक, स्टेशनरी और परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक जरूरतों के लिए पैसों की बहुत दिक्कत होती थी। परंतु बेरोजगारी भत्ता मिलने से उन्हें पुस्तक, कॉपी, पेन, प्रतियोगी पुस्तकें व परीक्षा फॉर्म भरने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने यूट्यूब में पढ़ाई करने के लिये नेट रिचार्ज भी कराया है। सुश्री चौरसिया ने बताया कि उन्हें अब आर्थिक रूप से परिजनों पर आश्रित नहीं रहना पड़ रहा है। उन्होंने अभी श्रम विभाग में नियुक्ति के लिए आवेदन किया है। योजनांतर्गत सहायता राशि प्रदान करने के लिये उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।
इसी तरह कोरबा शहरी क्षेत्र स्थित काशीनगर की रहने वाली सुश्री राजलक्ष्मी राठौर ने बताया कि वह एमएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद शासकीय नौकरी प्राप्त करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। अभी वह यूजीसी नेट, शिक्षक भर्ती परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। उनकी इच्छा है कि एक अच्छी नौकरी हासिल कर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में अपने पिता का सहयोग करें एवं अपने माता-पिता का नाम रौशन करें, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति उनके इरादों के बीच रुकावट बन रही थी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में 4 सदस्य हैं। उनके पिता एक स्टाम्प वेंडर हैं, उनकी आय बहुत कम है। साथ ही घर में उनके पिता ही एक मात्र कमाने वाले सदस्य हैं। उनकी आय से घर की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ परिवार की सदस्यों की जरूरतें पूरी करने में ही खर्च हो जाती है।