ग्वालियरमध्यप्रदेश

साक्षरता की उपयोगिता समझ अशोकनगर में बुजुर्गों ने उठाया जिम्मा, लाठी टेक एग्जाम देने पहुंचे

अशोकनगर

स्कूल कॉलेजों में आयोजित होने वाली एग्जाम में आपने छोटे-छोटे बच्चों और युवा छात्रों को देखा होगा। लेकिन कभी 85 साल के बुजुर्ग को लाठी टेककर परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर जाते नहीं देखा होगा। लेकिन मध्य प्रदेश में अशोकनगर में ऐसा अजब गजब मामला सामने आया है। जहां, 60-85 साल के बुजुर्ग एग्जाम देने के लिए पहुंचे।

अशोकनगर में बुजुर्गों ने दी एग्जाम

मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में 2011 की जनगणना के अनुसार निरक्षरों की संख्या 2 लाख13 हजार 599 है। ऐसे में इन लोगों को साक्षरता सूची में लाने के लिए सरकार की तरफ से साक्षर भारत के तहत कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसके बावजूद भी हमारे जिले की साक्षर केरल जैसे प्रदेश की तुलना मे कम है। देश की साक्षर दर 90 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने वर्तमान मे यह कार्यक्रम उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के नाम से संचालित किया जा रहा है। इसके तहत ही जिले के 60 प्रतिशत बुजुर्ग एग्जाम देने के लिए सेंटर पर पहुंचे थे।

असाक्षरों को मूलभूत शिक्षा देने के लिए चल रहा प्रोग्राम

दरअसल, देश के अंदर भारत सरकार की तरफ से नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत देश में असाक्षरों को मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता ज्ञान के लिए जिले में परीक्षा आयोजित हुई। जिसमें जिले के 21 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान आशोकनगर की यह बड़ी बात है कि इस परीक्षा में 60% वृद्धजन जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर थी। उन्होंने परीक्षा दी।

असाक्षरों ने बेसिक फाउंडेशन एग्जाम दी

इसी के तहत जिले के चारों विकासखंड के कुल 931 परीक्षा केंद्रों पर 21 हजार 416 असाक्षरों ने बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में निपुण होने परीक्षा दी। इस परीक्षा में ऐसे व्यक्ति शामिल हुए जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए। जिनकी उम्र 15 वर्ष से अधिक है, जो पूर्व की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। इसके अलावा वे व्यक्ति थे जो पूर्व की परीक्षा में शामिल तो हुए लेकिन फेल हो गए।

फॉर्मल एजुकेशन नहीं लेने वालों के लिए चलाया प्रोग्राम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान अनुसार 15 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे व्यक्ति जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए इनके लिए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

लाठी टेककर बुजुर्ग तो घूंघट में पहुंची महिलाएं

इसी कार्यक्रम के तहत असाक्षरों से मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता में दक्ष होने के लिए परीक्षा ली गई। जिले के परीक्षा केंद्रो पर नजारा यह रहा की यहां 60% वृद्ध परीक्षा देते हुए नजर आए। वहीं, कई केंद्रों पर 80 और 85 वर्ष के बुजुर्ग लाठी टेककर परीक्षा देने पहुंचे। इतना ही इस अभियान के तहत महिलाओं ने घूंघट ओढ़कर आई और परीक्षा दी।

 

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