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सनातन धर्म पर बयान देकर बुरे फंसे उदयनिधि स्टालिन, कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला; दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज

मुंबई
 तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu) में युवा और कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhaynidhi Stalin) के सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के खिलाफ दिए बयान के बाद चेन्नई से लेकर दिल्ली तक बवाल मच गया है। हालांकि, स्टालिन की पार्टी डीएमके की सहयोगी कांग्रेस ने इस बयान से खुद को अलग करने की कोशिश की है।

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ दिया बयान
दरअसल, दो सितंबर को चेन्नई में 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' को संबोधित करते हुए खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें उन्हें खत्म करना है। ठीक उसी तरह हमें सनातन धर्म को मिटाना है। केवल विरोध तक सीमित नहीं रहना है।

उदयनिधि के खिलाफ मामला दर्ज
उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म' के खिलाफ दिए बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वकील ने पुलिस से उदयनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

हमारा रुख स्पष्ट है: कांग्रेस
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने रविवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भीमराव आंबेडकर की 'सर्वधर्म समभाव' टिप्पणी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है। कांग्रेस न तो टिप्पणी करती है और न ही किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने में विश्वास करती है। पटोले ने उदयनिधि की सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर कहा कि हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते, लेकिन हमारी स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है।

तमिलनाडु के मंत्री के बयान की भाजपा ने कड़ी आलोचना की। आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि उदयनिधि ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए यानी वे 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं। मालवीय ने कहा कि क्या मुंबई में आइएनडीआइए की बैठक में इसी मुद्दे पर सहमति बनी थी। डीएमके आइएनडीआइए में सहयोगी है। इसलिए इस पर विपक्षी दलों को भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

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