प्रदेश के दो दर्जन लॉ कॉलेज BCI के मापदंडों को नहीं कर पाए पूरा, 3 साल में नहीं खुले ताले
भोपाल
प्रदेश के दो दर्जन सरकारी लॉ कॉलेज बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसके चलते शासन ने स्वयं 2021 में दस कालेजों में ताले लगा दिये थे। इसलिए आगामी सत्र 2023-24 में उक्त कालेजों में प्रवेश कराने उच्च शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग नहीं की। अब दो दर्जन जिलों में एक-एक सरकारी कालेज बचे है। ऐसे में लॉ कालेजों में विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में काफी मशक्कत करना होगी।
बीसीआई ने सूबे के लॉ कालेज और अन्य कालेजों में लॉ संबंधित कोर्स, बीएएलएलबी, एलएलबी और एलएलएम के संचालन में मापदंड तय किए है। 2021 से एलएलएम के लिये भी बीसीआई की मंजूरी लेना अनिवार्य किया गया है। इसके चलते शासन ने 2021 में 21 लॉ कालेजों को बंद कर दिए थे। इसमें दस कालेज ऐसे हैं जो अभी बंद हैं। शेष 11 कालेजों को मापदंड पूर्ण होने पर दोबारा प्रवेश के लिए काउंसलिंग में जोड़ा है, इनमें प्रवेश प्रक्रिया चलन में है।
क्या होते हैं मापदंड
कालेजों में व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रति छात्र संख्या के हिसाब से होना है। विषय विशेषज्ञों की भी नियुक्ति कोर्स के अनुसार है। इसके साथ पर्याप्त संख्या में कक्ष, लॉ कोर्स से जुड़ी पुस्तकों की एक विधिवत लाइब्रेरी जैसी कई सुविधाएं पूरी होना अनिवार्य है। लॉ कालेज के संचालन के लिए जरूरी शर्ते पूरी नहीं कर पाने के कारण बीसीआई ने उक्त लॉ कालेजों की मान्यता समाप्त कर रखी है। इससे दस लॉ कालेजों को शासन को बंद कर उनमें ताले लगाना पड़े हैं। गत वर्ष कुछ कालेजों के ताले मापदंड पूर्ण होने पर बीसीआई द्वारा खोल दिए गए हैं।
इन जिलों में लटक रहे कालेजों में ताले
राजगढ़, सीहोर, शिवपुरी, अलीराजपुर, बैतूल, रायसेन, हरदा, सिधी, और श्योपुर लॉ कालेज पिछले तीन साल से बंद हंै।
इन शहरों में संचालित हो रहे हैं लॉ कालेज
रीवा, इंदौर, मुरैना, नर्मदापुरम, टीकमगढ, बीना, अशोकनगर, गुना, दतिया, देवास, साजापुर, उज्जैन, नरसिंहपुर, मंडला, शिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, झाबुआ, खरगौन, बडवानी, धार, भोपाल, ग्वालियर और भिंड।