हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों ही दल बागी नेताओं के चुनाव लड़ने से परेशान, कांग्रेस ने बागियों पर बड़ा ऐक्शन लिया
नई दिल्ली
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बागी नेताओं के चुनाव लड़ने से परेशान हैं। इस बीच कांग्रेस ने बागियों पर बड़ा ऐक्शन लिया है। पार्टी ने शुक्रवार को 13 बागी नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन लोगों पर कांग्रेस की ओर से घोषित उम्मीदवार के मुकाबले पर्चा दाखिल करने के लिए यह ऐक्शन लिया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है। कांग्रेस ने 79 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि एक सीट उसने सीपीएम को दी है। 8 तारीख को नतीजे आने वाले हैं।
कांग्रेस ने गुहला से स्वतंत्र उम्मीदवार बने नरेश ढांडे, जींद के कैंडिडेट प्रदीप गिल, पुंडरी से उतरे सज्जन सिंह ढल और सुनीता बट्टन को पार्टी से बाहर कर दिया है। इनके अलावा नीलेखेड़ी से स्वतंत्र उम्मीदवार बने राजीव गोंडर और दयाल सिंह सिरोही भी पार्टी से बाहर किए गए हैं। इन नेताओं ने कांग्रेस में टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन लंबी दौड़ के बाद भी इन्हें मौका नहीं मिल सका। अंत में पार्टी के घोषित उम्मीदवार के खिलाफ ही ये लोग मैदान में उतर गए। पार्टी ने इसे गलत माना है और ऐक्शन लेते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
पानीपत ग्रामीण सीट से विजय जैन और उचाना कलां से दिलबाग सांडिल भी पार्टी की इच्छा के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। इन लोगों को पार्टी की ओर से हिदायत भी दी गई थी। दादरी सीट से अजित फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, बवानी खेड़ा से सतबीर रतेरा, पृथला सीट से नीतू मान और कलायत से अनीता ढल ने निर्दलीय ही पर्चा दाखिल कर दिया है। भाजपा के खिलाफ ऐंटी इनकम्बैंसी का दावा करने वाली कांग्रेस के लिए ये नेता चिंता का सबब बन गए हैं। फिलहाल पार्टी ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन चुनाव में कुछ वोट काट कर समीकरण बिगड़ने का खतरा तो अब भी बना हुआ है।