भोपालमध्यप्रदेश

बैरसिया रोड पर भी बनेगा कर्क रेखा सैल्फी पाईंट

विधायक विष्णु खत्री ने ग्राम हिनोती सड़क पर कर्क रेखा हिनोती सड़क पर मिलने से क्षेत्रवासियों को मिलेगा पाईंट

भोपाल
बैरसिया विधानसभा के हिनौती सड़क ग्राम में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक  अनिल कोठारी एवं वैज्ञानिकों के साथ "कर्क रेखा" का स्थान चयनित किया गया। इस अवसर पर विधायक विष्णु खत्री ने घोषणा की कि शीघ्र  ही इस स्थान पर सेल्फी पॉइंट बनाया जायेगा।

 बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक की उपस्थिति में कर्क रेखा पाईंट का अवलोकन किया एवं सभी टीम के साथ फोटो खिंचवाया। श्री खत्री ने कहा कि अभी तक कर्क रेखा को विदिशा रोड पर क्रास करना बताया गया, जिसे लेकर मेरे एवं क्षेत्रवासी भी मांग करते रहे कि बैरसिया में यह लाईन कहां से गुजरेगी। इस पर हिनौती सड़क ग्राम में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक  अनिल कोठारी एवं वैज्ञानिकों के साथ "कर्क रेखा" का पाईंट खोजा गया, जो बैरसिया विधानसभा क्षेत्र एवं जनपद पंचायत बैरसिया की ग्राम पंचायत हिनोती सड़क पर स्थित है। इसकी जानकारी जैसे ही बैरसिया एवं भोपाल वासियों को लगी लोग बड़ी संख्या में हिनोती सड़क ग्राम पहुंचे और कोतुहल वश हर आने जाने वाले को भी इस बात की खबर लगी और हर व्यक्ति के मन में खुशी की लहर दौड़ गई।

शिक्षण पाठ्यक्रम में कर्क रेखा का उल्लेख
भारत में कर्क रेखा 8 राज्यों (गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिज़ोरम) से होकर गुज़रती है। इस पाठ का उल्लेख जीके सहित 6टी, 8वीं सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ यूपीएससी सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी शामिल होता है।

मध्यप्रदेश में विदिशा रोड पर बताया गया है केंद्र बिन्दु

 पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश स्थित है कर्क रेखा

कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा‎ के समानान्तर 23 डिग्री 26, 22, N 0 डिग्री 0, 0, W / 23.43944 डिग्री N -0.00000 डिग्री E पर, ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक हैं जो पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिसपर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। यह घटना जून क्रांति के समय होती है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है। इस रेखा की स्थिति स्थायी नहीं हैं वरन इसमें समय के अनुसार हेर-फेर होता रहता है। 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी होती है (स्थानीय मौसम को छोड़कर), क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। कर्क रेखा के सिवाय उत्तरी गोलार्ध के अन्य उत्तरतर क्षेत्रों में भी किरणें अधिकतम लंबवत होती हैं। इस समय कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि नहीं बनती है। इस कारण इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है।

विश्व के मानचित्र पर कर्क रेखा

इसी के समानान्तर दक्षिणी गोलार्ध में भी एक रेखा होती है जो मकर रेखा कहलाती हैं। भूमध्य रेखा इन दोनो के बीचो-बीच स्थित होती हैं। कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच के स्थान को उष्णकटिबन्ध कहा जाता हैं। इस रेखा को कर्क रेखा इसलिए कहते हैं क्योंकि जून क्रांति के समय सूर्य की स्थिति कर्क राशि में होती हैं। सूर्य की स्थिति मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को उत्तरायण एवं कर्क रेखा से मकर रेखा को वापसी को दक्षिणायन कहते हैं। इस प्रकार वर्ष  6-6 माह के में दो अयन होते हैं।

भोपाल सहित प्रदेश के 14 जिलों से गुजरती है कर्क रेखा

कर्क रेखा, जिसे ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरती है। इन जिलों में रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, उमरिया और शहडोल शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में कर्क रेखा आठ राज्यों से होकर गुजरती है।

भोपाल में विदिशा रोड स्टेट हाइवे पर बना है सैल्फी पाईंट

कर्क रेखा मध्यप्रदेश में भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है। जहां से यह गुजरती है वह स्थान भोपाल-विदिशा स्टेट हाईवे 18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज के पास स्थित है। कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिए उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है। जो सैल्फी पाईंट के नाम से विख्यात है। इस हाईवे से आने-जाने वाले सैल्फी लेना नहीं भूलते हैं।

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