कम किराया और आरामदायक सफर, नॉन-एसी कोच वाली वंदे साधारण का ट्रायल जल्द
नई दिल्ली
वंदे भारत की लोकप्रियता को देखते हुए नॉन एसी कोच वाली वंदे साधारण एक्सप्रेस (Vande Sadharan) को जल्द चलाने की प्लानिंग की जा रही है। इस कड़ी में ट्रेन के ट्रायल के लिए बिल्कुल नई वंदे साधारण पुश-पुल ट्रेन मुंबई के वाडी बंदर यार्ड पहुंची। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आने वाले सप्ताह में इसका ट्रायल किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि 22 कोच वाली नॉन-एसी 3-टियर स्लीपर ट्रेन यात्रियों के लिए किफायती किराया वाली एक शानदार विकल्प साबित होगी। ट्रेन की क्षमता 1,800 यात्रियों को ले जाने की है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह ट्रेन दो लोकोमोटिव द्वारा खींची जाएगी। ट्रेन यह 130 किमी प्रति घंटे तक की गति से चल सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेन की टेस्टिंग मुंबई-नासिक कॉरिडोर की जाने की उम्मीद है, जिसमें पहाड़ी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जिस रूट पर ट्रेन चलाई जाएगी वह रूट मुंबई से दिल्ली के बीच में हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
वंदे भारत को लेकर क्या है प्लान?
12 अक्टूबर को की गई एक घोषणा में रेलवे बोर्ड सचिव मिलिंद देउस्कर ने कहा कि भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर कोच और वंदे भारत मेट्रो लॉन्च करने की योजना बना रही है। सीआईआई रेल सम्मेलन में एक संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, "हम गति और सुविधा की जरूरतों को पूरा करने के लिए वंदे भारत स्लीपर और वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों की योजना बना रहे हैं।"
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इससे पहले भी 'कॉन्सेप्ट ट्रेन-वंदे भारत (स्लीपर वर्जन)' की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर चुके हैं। प्रत्येक वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे तक की गति के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें 16 कोच होंगे, जिसमें लगभग 887 यात्री बैठेंगे। भारतीय रेलवे ने 102 वंदे भारत रेक के लिए एक प्रोडक्शन प्लान की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें 2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67 रैक का प्रोडक्शन किया जाएगा। इन रेक का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रेल कोच फैक्ट्री और मॉडर्न कोच फैक्ट्री में किया जाएगा। इनमें से 75 वंदे भारत रेक को चेयर कार वर्जन के रूप में नामित किया गया है, जबकि शेष को स्लीपर वर्जन के रूप में योजनाबद्ध किया गया है।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने तीन अलग-अलग तकनीक को शामिल करते हुए 400 वंदे भारत ट्रेनों (स्लीपर वर्जन) के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है। भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों के भीतर घरेलू विनिर्माण के लिए प्रौद्योगिकी भागीदारों का चयन करने के लिए निविदाएं जारी की गई हैं।