व्यापार घाटा 20 माह के निचले स्तर पर, निर्यात में 12.7% गिरावट
नई दिल्ली
अप्रैल महीने में देश का व्यापार घाटा कम होकर 20 माह में सबसे कम 15.24 डॉलर रह गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में देश का आयात भी सालभर पहले की तुलना में करीब 14 प्रतिशत घटकर 49.9 अरब डॉलर पर आ गया। अप्रैल, 2022 में यह 58.06 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट रही है। यह अप्रैल, 2023 में सालाना आधार पर 12.7 फीसदी घटकर 34.66 अरब डॉलर पर आ गया। इस तरह अप्रैल में देश का व्यापार घाटा 15.24 अरब डॉलर रहा जो पिछले 20 महीनों का न्यूनतम स्तर है। पिछला न्यूनतम स्तर अगस्त, 2021 में 13.81 अरब डॉलर का था। वहीं, अप्रैल 2022 में व्यापार घाटा 18.36 अरब डॉलर रहा था।
आयात में गिरावट की वजह
आयात के मोर्चे पर आई गिरावट के बारे में सारंगी ने कहा कि कमोडिटी उत्पादों की कीमतें घटने और रत्न एवं आभूषण जैसे विवेकाधीन खर्च माने जाने वाले उत्पादों की मांग घटने से ऐसा हुआ है। कच्चे तेल का आयात 13.95 प्रतिशत घटकर 15.17 अरब डॉलर रह गया। सोने का आयात भी 41.48 प्रतिशत गिरकर अप्रैल में एक अरब डॉलर पर आ गया।
निर्यात में क्यों आई गिरावट
देश के निर्यात में आई गिरावट के पीछे प्रमुख बाजारों- यूरोप और अमेरिका में मांग में आई सुस्ती को जिम्मेदार माना जा रहा है। यह स्थिति आने वाले कुछ महीनों तक बनी रह सकती है। विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष सारंगी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विदेशी बाजारों में मांग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगले दो-तीन महीनों तक मांग का परिदृश्य बहुत आशावादी है। हालांकि, सितंबर के बाद से हालात सुधरने की उम्मीद है।' उन्होंने व्यापार परिदृश्य सुधारने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, तेल-तिलहन और कृषि उत्पादों जैसे अधिक निर्यात मांग वाले सामान पर ध्यान देने का सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में रत्न एवं आभूषण, परिधान और कपड़ों के अलावा कुछ इंजीनियरिंग उत्पादों की निर्यात मांग भी प्रभावित हो सकती है।
इनके निर्यात में निगेटिव ग्रोथ
अप्रैल के महीने में पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, रसायन और सिलेसिलाए कपड़ों के निर्यात में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, दवाओं, चावल एवं तेल का निर्यात बढ़ा है। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 26.49 प्रतिशत बढ़कर 2.11 अरब डॉलर हो गया।