बालेश्वर ट्रेन हादसे के बाद तेजी से हो रहा ट्रैक मरम्मत का काम, धर्मेंद्र प्रधान बोले- अभी चुनौतियां कम नहीं
नई दिल्ली
बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद मरम्मत के काम शुरू कर दिया गया था, जो लगभग पूरा हो चुका है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल कोलकाता-चेन्नई मेन लाइन का हिस्सा है, जिसकी वजह से काफी ट्रेनों का रूट बदला गया है।
एक हजार से अधिक लोग मरम्मत में लगे
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया, "मरम्मत का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब भी कुछ परेशानियां है, जिसको लेकर काम चल रहा है। NDRF, ODRF की पूरी टीम ने रात भर काम किया है।" रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से ज्यादा लोग मरम्मत के काम में लगे हुए हैं। हालात को जल्दी सामान्य बनाने के लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीनें, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात किया गया है।
मृतकों की पहचान कर परिजनों को सौंपना एक चुनौती
केंद्रीय मंत्री ने बताया, "जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान कर उनके परिजनों को सौंपा जाना है। दूसरा, यह है कि जो भी अस्पताल में भर्ती है, उनको सही इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों के आईसीयू और अन्य सुविधाएं दी जा रही है। हेल्प डेस्क भी खोल दिया गया है, ताकि लोगों को सुविधाएं दी जा सके। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की जिम्मेदारी भी ली गई है।"
कोलकाता-चेन्नई मेन लाइन पर हुआ हादसा
केंन्द्रीय मंत्री ने कहा, "जिस स्थान पर हादसा हुआ है, वो कोलकाता और चेन्नई का मेन लाइन का हिस्सा है, जिसकी वजह से कई ट्रेनों को डायवर्ट और रद्द किया गया है। जितनी जल्दी हो सकता है, उन सभी ट्रेनों का आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। रास्तों के मरम्मत में काफी तेजी लाई गई है और कई हद तक मरम्मत का काम पूरा भी हो चुका है।"
288 लोगों की मौत
बालेश्वर में हुए इस भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। इन सभी के लिए पीएमओ और रेल मंत्रालय की ओर से मुआवजे का ऐलान किया गया है। इस हादसे के बाद पीएमओ की ओर से मृतकों के परिवार के दो-दो लाख रुपये और घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसके अलावा, इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को रेल मंत्रालय की ओर से 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो लाख रुपये, मामूली रूप से चोटिलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।