बीएमसी के आला अधिकारीयों का आय के स्त्रोत पर ध्यान नहीं, 500 करोड़ का लक्ष्य कोसो दूर
भोपाल
भोपाल नगर निगम (बीएमसी) वित्तीय वर्ष 2022-23 में 500 करोड़ रुपए का टारगेट हासिल नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए कहना गलत नहीं होगा क्योंकि निगम के आला अधिकारी अन्य आय के स्त्रोत की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिर्फ आम लोगों से वसूले जाने वाले टैक्स को लेकर मशक्कत चल रही है। बिल्डिंग परमिशन के अफसरों की लापरवाही को अनदेखा किया जा रहा है। भवन अनुज्ञा के अफसर कंपाउंडिंग को लेकर अब तक सक्रिय नहीं हुए हैं।
इतना ही नहीं सरकारी विभागों से निगम वसूली नहीं कर पा रहा। यदि निगम ने शुरुआत से ही अन्य आय के स्त्रोत की तरफ ध्यान दिया होता तो आज स्थिति कुछ ओर होती। शुरुआत से ही सिर्फ आम जनता पर वसूली का चाबुक चलाया जा रहा है। जहां से वसूली में मोटी रकम मिलती उस तरफ तो निगम के आला अधिकारियों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। नगर निगम बिजली विभाग, हाउसिंग बोर्ड और रेलवे आदि विभागों से टैक्स की वसूली नहीं कर पा रहा है। इन विभागों से ही निगम को करोड़ों रुपए टैक्स के वसूलने हैं, लेकिन इनसे पैसा निकलवाना निगम के लिए तेड़ी खीर बन गया है। अफसर इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे।
तहबाजारी, पार्किंग और एचएफए के अधूरे काम
नगर निगम को तहबाजारी, पार्किंग से रोजाना हजारों रुपए आय होती थी, लेकिन तहबाजारी 1 नवंबर से बंद है। शहर में फ्री पार्किंग करने के बाद यह आय भी बंद हो गई। एचएफए के अधूरे काम दुकानों का निर्माण नहीं होने की वजह से लाखों रुपए अटके हुए हैं।
अब तक हुई 425 करोड़ रुपए की वसूली
निगम को अब तक 425 करोड़ रुपए ही राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले साल निगम ने 449 करोड़ राजस्व प्राप्त किया था। अब निगम को अगले 7 दिनों में 75 करोड़ की वसूली करनी है, जो करना इतना आसान नहीं होगा।
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान: 10 के बजाए 30 प्रतिशत तक कंपाउंडिंग की जा रही है। इसके बावजूद कंपाउंडिंग का काम पूरी तरह ठप है। यदि निगम को 500 करोड़ का टारगेट पूरा करना है तो 7 दिन की मियाद बढ़ा दी जाए तो निगम को करोड़ों रुपए कंपाउंडिंग से हासिल कर सकता है, लेकिन इस तरफ अफसर ध्यान नहीं दे रहे।