खड़गे से आज नीतीश की मुलाकात, तेजस्वी होंगे साथ, विपक्षी एकता पर बनेगी बात? कांग्रेस पर सबकी नजर
पटना
नीतीश कुमार सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठेंगे। कुछ और प्रमुख नेताओं से भी नीतीश कुमार मिल सकते हैं। रविवार को उन्होंने दिल्ली स्थित आवास 6, कामराज लेन पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री संजय झा, वरिष्ठ नेता केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव हर्षवर्द्धन सिंह समेत कई नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। सोमवार को वे जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय भी कुछ देर के लिए जा सकते हैं। विपक्षी एकता की मुहिम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार पूरी ताकत के साथ लगे हैं। इसी क्रम में आज उनकी मुलाकात दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे से होगी। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी नीतीश के साथ रहेंगे। दोनों नेताओं के बीच विपक्षी एकता बनाने को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी।
पिछले महीने भी नीतीश कुमार दिल्ली गए थे जहां उनके मुलाकात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे से हुई थी। मीटिंग में पार्टी के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इसी मीटिंग में नीतीश कुमार को अन्य छोटी पार्टियों को विपक्षी एकता के मंच पर लाने के लिए बातचीत करने हेतु अधिकृत किया गया था। उसके बाद नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और महाराष्ट्र में शरद पवार तथा उद्धव ठाकरे के साथ बैठक कर विपक्षी एकता पर उनकी राय जानी थी।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस पार्टी की भारी जीत के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पहली बार नीतीश कुमार मिल रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त बहुमत से वापसी के कारण पार्टी के हौसले बुलंद हैं। माना जा रहा है कि आज की मुलाकात में राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ मत रखने वाली पार्टियों को साथ लाने की रणनीति पर विचार होगा। विपक्षी एकता पर बात कितनी बनेगी इस सवाल का उत्तर फिलहाल कोई देने की स्थिति में नहीं है।
पिछले दिनों डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता को लेकर अपने बयान में कहा था कि जहां क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां कांग्रेस को पिछली सीट की सवारी करनी चाहिए और जहां कांग्रेस सशक्त स्थिति में है वहां उसे आगे रहना चाहिए। तेजस्वी ने इशारा किया था कि बिहार में कांग्रेस को अपने नेतृत्व को लेकर त्याग करना चाहिए। संभावना है कि आज इस मुद्दे पर भी नेताओं के बीच गंभीरता से चर्चा होगी। लेकिन कांग्रेस यह बात मान जाएगी, इस पर संशय है क्योंकि, कर्नाटक विधानसभा चुनाव की जीत ने कांग्रेस पार्टी को एनर्जी का बूस्टर डोज दे दिया है।