भोपाल
मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं, यह आज तय हो सकता है। कोर्ट ने इस संबंध में लगाई गई जनहित याचिका पर साढ़े तीन माह पहले सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता ने बहस में तर्क रखते हुए कहा था कि कोर्ट ने शासन को रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं शासन का कहना है कि याचिका सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए दायर की गई है। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए सरकार को बाध्य नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि छह जून 2017 को पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष में कथित रूप से पुलिस की गोली से पांच किसानों की मौत हो गई थी। इसकी जांच के लिए गठित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट 13 जून 2018 को शासन को सौंप दी थी, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। हाई कोर्ट में लंबित याचिका में इसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर आमजन को पता चल सकेगा कि आखिर मंदसौर गोलीकांड के पीछे कौन जिम्मेदार है?
पारस सकलेचा ने लगाई है याचिका
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने दायर की है। उनकी पूर्व में दायर याचिका पर सुनवाई में सरकार ने आश्वासन दिया था कि जांच आयोग की रिपोर्ट मिलते ही 6 माह में विधानसभा में प्रस्तुत कर देगी। शासन के आश्वासन के बाद कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी थी, लेकिन जब सरकार ने रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो सकलेचा ने दोबारा हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर दी। इसमें जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग दोहराई गई है।