भारत के साथ संबंधों को व्यापक बनाने का वक्त आ गया है- ब्रिटेन
लंदन
ब्रिटेन के विपक्ष के नेता सर कीर स्टार्मर ने कहा कि यह भारत-ब्रिटेन संबंधों को सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक बनाने का वक्त है।
उन्होंने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले लेबर पार्टी की विदेश नीति को स्पष्ट करते हुए यह बात कही।
स्टार्मर ने कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने से आपसी लाभ की बड़ी गुंजाइश देखते हैं।
एक बयान के मुताबिक वह अगले महीने लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के वार्षिक ब्रिटेन-भारत सप्ताह सम्मेलन के उद्घाटन में मुख्य भाषण देंगे। यह संबोधन भारत के साथ संबंधों को लेकर लेबर पार्टी के नेता के नजरिये को और स्पष्ट करेगा।
उन्होंने कहा, ”अब वक्त आ गया है कि भविष्य को देखा जाए और इस पर काम किया जाए कि हम व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार, जलवायु कार्रवाई, विविधता और समावेशन, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने सहयोग को कैसे व्यापक बना सकते हैं।”
स्टार्मर ने कहा, ”मैं इंडिया ग्लोबल फोरम में बोलने के लिए उत्सुक हूं। लेबर पार्टी का भारत के साथ एक लंबा और मजबूत रिश्ता है, जिस पर मुझे बहुत गर्व है।”
आईजीएफ के इस वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन 26 से 30 जून के बीच किया जाएगा।
आईसीटी आयात शुल्क मामला: भारत ने अपीलीय निकाय में डब्ल्यूटीओ समिति के फैसले को चुनौती दी
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की व्यापार विवाद निपटान समिति के एक फैसले के खिलाफ अपील की है। समिति ने अपने फैसले में कहा था कि कुछ सूचना एवं प्रौद्योगिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाया जा रहा आयात शुल्क वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुरूप नहीं है।
डब्ल्यूटीओ ने कहा, ”भारत ने अपील की है और अपीलीय निकाय से अनुरोध किया है कि समिति के निष्कर्षों, फैसलों और सिफारिशों को पलट दें, संशोधित करें, या कानूनी रूप से अप्रभावी घोषित करें।”
डब्ल्यूटीओ ने कहा कि भारत ने अपनी रिपोर्ट में समिति द्वारा की गई ”कानून की गलतियों” और कानूनी व्याख्या की समीक्षा किए जाने की मांग की है।
डब्ल्यूटीओ की विवाद समिति ने 17 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाए गए आयात शुल्क वैश्विक व्यापार मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।
डब्ल्यूटीओ में इस संबंध में भारत के खिलाफ यूरोपीय संघ, जापान और ताइवान ने शिकायत की थी।