पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन गायब! प्रबंधन में हड़कंप, माधव नेशनल पार्क में छोड़ना था
पन्ना
टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघिन के लापता होने का मामला सामने आया है। यह वहीं बाघिन है जिसे बीते रोज ट्रेंकुलाइज कर पन्ना से शिवपुरी माधव नेशनल पार्क भेजा जाना था। शुक्रवार को उसे सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उसे बाड़े में छोड़ने वाले थे। बीते कई दिनों से बाघिन पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन एन मौके पर वह घने जंगलों में गुम हो गई। दो दिन से पीटीआर प्रबंधन के कर्मचारी बाघिन की तलाश में जुटे हैं। शुक्रवार 11 बजे तक बाघिन की लोकेशन नहीं मिल सकी थी। बता दें कि पन्ना, बांधवगढ़ से एक-एक बाघिन व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक बाघ को शिवपुरी भेजा जाना था।
मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क में बाघ पुनर्स्थापन योजना के तहत 10 मार्च शुक्रवार को तीन बाघों को मुख्यमंत्री व सिंधिया द्द्वरा बाड़े में छोड़ा जाना प्रस्तावित है। इनमें उमरिया के बांधवगढ़ से एक बाघिन व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक बाघ को शिवपुरी शिफ्ट किया गया है। वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व से जिस बाघिन को शिफ्ट किया जाना था वह युवा बाघिन जंगलों में गायब हो गई। दो दिन उसे उसकी लोकेशन की जानकारी नहीं मिल पा रही है। टाइगर रीलोकेशन प्रोजेक्ट के एनवक्त पर बाघिन के एकदम से घने जंगलों में गुम हो जाने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए हैं। जानकारी अनुसार बाघिन को बुधवार से सर्च किया जा रहा है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रबंधन से मिली जानकारी अनुसार तीन बाघिन को चिन्हित किया गया था। इनमें से जिस बाघिन को माधव नेशनल पार्क भेजने के लिए चिन्हित किया था, उसे ट्रेंकुलाइज कर भेजने की प्रक्रिया करना था, लेकिन बुधवार से वह मिल नहीं रही है।
खुले जंगल में घूम रही थी, बाड़े में नहीं रखा था
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार अमूमन जिस टाइगर को उसके मुख्य टेरेटरी से कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना होता है तो उसे टाइगर रिजर्व में विशेष रूप से बनाए गए बाड़े में रखा जाता है, ताकि उसके स्वास्थ्य और स्वभाव पर नजर रखी जा सके। टाइगर को खुले जंगल के माहौल से निकालकर परिवहन के लिहाज से तैयार किया जाता है, ताकि रास्ते में सफर के दौरान कोई दिक्कत या परेशानी न हो, लेकिन पन्ना में जिन तीन बाघिनों को चिन्हित किया गया था, उनमें से वह बाघिन गायब हो गई, जिसे माधव नेशनल पार्क भेजने की योजना थी।