TI राजाराम के परिवार को मिलेगी 1 करोड़ रु. की सम्मान निधि, उनके परिवार और बच्चों का सदैव रखेंगे ध्यान – CM शिवराज
देवास
देवास में थ्री स्टार ऑफिसर टीआई राजाराम वास्कले के बलिदान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है. टीआई राजाराम वास्कले कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे. अपने कर्तव्यों की पूर्ति करते हुए उन्होंने अपना बलिदान दिया. मैं हमारे ऐसे बहादुर साथी के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं. राजाराम के परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनका ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है. इसलिए उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान निधि भेंट की जाएगी. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा और उस परिवार का, छोटे-छोटे मासूम बच्चों का और हमारी बहन का हम सदैव ध्यान रखेंगे.
टीआई राजाराम के परिवार को 1 करोड़ की सम्मान निधि दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की। टीआई राजाराम रविवार को जामनेर नदी से शव निकाल रहे थे। इसी दौरान डूबने से उनकी मौत हो गई थी। आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। राज्य शासन की ओर से मंत्री प्रेम सिंह पटेल अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
राजाराम जैसे पुलिस अफसर इस छवि को झूठ साबित कर कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश कर देते हैं। घटना के बाद यह कहना और सलाह देना आसान है कि टीआई साहब को नदी में नहीं कूदना था। गोताखोर आकर शव को नदी से निकालने का काम करते रहते। और यह भी कहा जा सकता है कि टीआई का काम नदी में कूदना थोड़े ही है। पर जाबांज और कर्तव्य की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने का जज्बा मन में लिए राजाराम जैसे अफसरों की सोच तो भावनाओं से भरी रहती है। उनके लिए जिंदगी गौण और कर्तव्य ही सर्वस्व रहता है। हालांकि राजाराम के असामयिक निधन से पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया है। पर राजाराम की शहादत कर्त्तव्यपरायणता का अनूठा उदाहरण पेश कर गई है। ऐसे जुनूनी अफसर बिरले ही होते हैं। मुरैना में हुई आईपीएस नरेंद्र कुमार की शहादत आज भी लोगों की जुबां पर है। और इस सूची में कई जाबांज अफसरों और पुलिसकर्मियों का नाम दर्ज होगा। ऐसे अफसर हमेशा ही सेल्यूट का सम्मान पाने के हकदार हैं। देवास जिले के नेमावर में पदस्थ राजाराम वास्कले के शव को कृषि मंत्री कमल पटेल ने सेल्यूट कर जनभावनाओं का आदर ही किया है।
देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ टीआई राजाराम वास्कले की 16 जुलाई 2023 को नदी में डूबने से अकस्मात मौत हो गई है। नेमावर के समीप कुंडगांव में जामनेर नदी पर स्टापडेम बना है। यहां अज्ञात शव की सूचना मिली थी। इस पर टीआइ वास्कले मौके पर पहुंचे। उन्होंने डैम में शव देखा था। इसलिए गोताखोर दल आता, इससे पूर्व ही टीआइ स्वयं नदी में कूद गए।
टीआई इसी दौरान भंवर में फंस गए। गोताखोरों की मदद से उन्हें निकाला गया और जिला अस्पताल हरदा ले गए। जहां उपचार के दौरान मौत हो गई। जिस जगह शव पड़ा था, वहां नदी का पाट चौड़ा था और भंवर बना हुआ था। इसी भंवर में वे फंस गए। गोताखोरों की मदद से उन्हें निकाला गया और इलाज के लिए ले गए थ
ड्यूटी पर तैनात टीआई राजाराम ने अपनी कर्तव्य परायण सेवा का परिचय देते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। टीआई राजाराम को कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने शासकीय अस्पताल हरदा में पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की और सेल्यूट किया।मंत्री पटेल ने कहा कि हमने कर्तव्यपरायण अधिकारी खो दिया है। सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है। उनके चरणों में प्रणाम करते हैं। दरअसल राजाराम वास्कले गोताखोर दल के आने से पहले ही एक शव को निकालने के लिए पानी में कूद गए थे। देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ थाना प्रभारी राजाराम वास्कले अच्छे तैराक थे।
अच्छा तैराक होने के चलते ही उन्होंने बिना देर किए कर्म पथ पर आगे बढ़ने का त्वरित निर्णय लिया। 40 वर्षीय वास्कले मूल रूप से बड़वानी जिले के निवासी थे। पिछले दो साल से नेमावर थाने में पदस्थ थे। परिवार में पत्नी और छोटा बेटा है। करीब एक माह पहले ही बेटी का जन्म भी हुआ है। वास्कले उज्जैन सायबर क्राइम में भी पदस्थ रह चुके थे। अपनी कार्यशैली के कारण उनकी विशिष्ट पहचान थी।
गौरतलब है कि बीते दिन जामनेर नदी के स्टॉप डेम पर उन्हें एक डेड बॉडी तैरते हुए दिखी, जिसे निकालने के लिए वह खुद नदी में कूद गए. निरीक्षक राजाराम वास्कले अच्छी तरह से तैरना जानते थे. शव की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और खुद ही नदी में छलांग लगा दी. इसके बाद वह भंवर में फंस गए. स्थायी लोगों ने उनकी मदद करने की बहुत कोशिश की, लेकिन काफी समय तक राजाराम नदी में फंसे रहे. किसी तरह से टीआई को नदी से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो गई थी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
'बेकार नहीं जाएगा राजाराम वास्कले का बलिदान'
इस घटना की सूचना जैसे ही कृषि मंत्री कमल पटेल को हुई, वह अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. उन्होंने राजाराम वास्कले के परिवार को ढांढस बंधाया. कमल पटेल ने कहा कि निरीक्षक राजाराम वास्कले ने कर्तव्य परायणता के चलते अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका यह बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा.