गरजीं बोफोर्स तोपें, सेना ने बुलंद भारत की दिखाई तस्वीर
अरुणाचल
पड़ोसी देश चीन से लद्दाख से लेकर अरुणाचल से लगती सीमा तक पर तनाव के बीच भारतीय सेना ने बड़ा यु्द्धाभ्यास किया है। भारतीय सेना के इस युद्धाभ्यास में बोफोर्स तोपों, मोर्टार और लॉन्ग रेंज की बंदूकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा कई अन्य भारी हथियार भी चीन की सीमा पर गरजे हैं। 'बुलंद भारत' नाम से हुए भारत के इस सैन्याभ्यास ने चीन को उसकी सीमा पर ही चुनौती दी है, जिसने पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों के नाम बदलने की हिमाकत की थी। चीन अरुणाचल प्रदेश को तवांग कहता रहा है और उसे तिब्बत का हिस्सा बताकर दावा ठोकता है।
चीन के साथ भारत 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिस पर दोनों ही देशों ने बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रखी है। 4 साल पहले पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी और तब से ही तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में भारत के इस जोरदार युद्धाभ्यास को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय सेना ने अपने अभ्यास में बोफोर्स तोपों के अलावा धनुष और सारंग जैसी अत्याधुनिक लॉन्ग रेंज बंदूकों का भी इस्तेमाल हुआ है। यही नहीं मल्टी लॉन्च रॉकेट सिस्टम पिनाक ने भी शक्ति प्रदर्शन किया है।
कितना बुलंद है 'बुलंद भारत' सैन्य अभ्यास
बुलंद भारत सैन्य अभ्यास के तहत सर्विलांस का भी भारतीय सेना परीक्षण कर रही है। इसके अलावा भारी हथियारों के साथ अभ्यास अपनी ताकत को आंका जा रहा है। एक सूत्र ने कहा कि इस अभ्यास में सेना अपनी राडार प्रणाली, भारी हथियारों और सर्विलांस सिस्टम की ताकत को आंक रही है कि कैसे एक बार में दुश्मन देश के ठिकानों को नष्ट किया जा सकता है। फिलहाल चीन की इस युद्धाभ्यास को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि उसने इस पर नजर जरूर रखी होगी।
एक महीने पहले भी हुई थी जोरदार ड्रिल
अरुणाचल प्रदेश में इससे पहले सैनिकों को लंबी ट्रेनिंग दी गई थी और अब यह युद्धाभ्यास हुआ है। इससे पहले पिछले महीने भी भारत की थल और वायुसेना ने साथ मिलकर ड्रिल की थी। इस दौरान सेना ने सी-17 ग्लोबमास्टर, चिनूक एवं एमआई-17 जैसे हेलिकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि भारत का सैन्य नेतृत्व कई बार कह चुका है कि हमारी तैयारी एक साथ चीन और पाकिस्तान से युद्ध हो जाए तो उससे भी निपटने की है।