अयोध्या राम मंदिर के लिए रामसेवकपुरम में फिर लाई गई श्याम वर्ण की तीन शिलाएं
अयोध्या
अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर का निर्माण निर्बाध गति से चल रहा है। इस बीच सुपर स्ट्रक्चर में विराजित होने वाले रामलला के श्रीविग्रह के निर्माण के लिए शिलाओं के चयन की प्रक्रिया भी गति पकड़ चुकी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को श्याम वर्ण (ग्रे-रंग) की तीन अतिरिक्त शिलाएं फिर लाई गई। यह शिलाएं भी कर्नाटक से लाई गई है। मालूम हो कि पहले भी श्याम वर्ण की दो शिलाओं को यहां लाया गया था। इन सभी को रामसेवकपुरम में ही रखवाया गया है। इस प्रकार यहां श्याम वर्ण की कुल पांच शिलाएं लाई जा चुकी है।
बताते चलें कि पिछले डेढ़ महीने में यहां अब तक कुल 11 शिलाएं लाई जा चुकी हैं। इनमें दो देवशिलाओं जिन्हें शालिग्राम शिला भी कहा जा रहा है, नेपाल की गंडकी नदी से विधिपूर्वक पूजन कर निकाल कर लाया गया। इस दौरान यात्रा के पूरे मार्ग में नेपाल व भारतवंशियों ने भी इन देवशिलाओं का पूजन किया। यही नहीं अयोध्या के रामसेवकपुरम में भी लाए जाने पर दर्शनार्थी यहां पहुंचकर पूजन करते रहे। यह सिलसिला बदस्तूर अभी भी जारी है। इसके अलावा राजस्थान से भी यहां संगमरमर की चार शिलाएं लाई गयी हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में लाई गयी देवशिलाओ के अतिरिक्त अन्य सभी आधा दर्जन शिलाओं के परीक्षण के लिए मूर्तिकारों ने सैंपल लिया था जिसकी रिपोर्ट अभी सार्वजनिक होनी शेष है।
तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि आज आएंगे
निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान के श्रीविग्रह के निर्माण के लिए शिलाओं के चयन की प्रक्रिया के अन्तर्गत मूर्तिकारों की दो दिवसीय बैठक शनिवार से होनी है। इस बैठक के लिए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी शनिवार को पुणे से यहां पहुंचेंगे। बताते चलें कि पिछले दिनों बोर्ड आफ ट्रस्टीज की मणिराम छावनी में हुई बैठक में शिलाओं के चयन के लिए महंत गोविंद देव गिरि की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी मूर्तिकारों के साथ बैठक कर विचार विमर्श करेगी और सलाह व रिपोर्ट के आधार पर अपना निष्कर्ष बोर्ड आफ ट्रस्टीज के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
राम मंदिर के गर्भगृह में चौखट के साथ संगमरमर के बाजू भी लगाए गए
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने दिल्ली में आयोजित विहिप केन्द्रीय समिति की बैठक में शामिल होकर अयोध्या लौट आए हैं। बीती शाम लौटने के साथ ही उन्होंने राम मंदिर की प्रगति से आमजन को अवगत कराने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया है। इसके पहले भी वह लगातार फोटो व वीडियो साझा करते रहे हैं। नये वीडियो में राम मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर चौखट के साथ-साथ संगमरमर के बाजू भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इनमें अभी दरवाजे नहीं लगाए गये हैं।
फिलहाल महाराष्ट्र से सागौन (टिक-वुड) की दो हजार घनफिट लकड़ियां मंगवा कर दरवाजों का निर्माण कराया जा रहा है। बताते चलें कि रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की तिथियां भी तय हो गई हैं। महंत गोविंद देव के अनुसार प्रतिष्ठा समारोह 17 से 24 जनवरी 2024 तक चलेगा और इस दौरान निर्धारित मुहूर्त पर भगवान को महापीठ पर सिंहासन आरूढ़ कर दिया जाएगा।