छत्तीसगढराज्य

CG में गरीबी रेखा की सूची में नाम नहीं होने से RTE के हजारों आवेदन हुए निरस्‍त

रायपुर
स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत हजारों बच्चों का आवेदन निरस्त कर दिया है। जिनके पास बीपीएल कार्ड है, लेकिन गरीबी रेखा की सूची में नाम नहीं है। अभिभावक आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं।

दरअसल उनसे गरीबी सूची के सर्वे 2002, 2007 के तहत नाम मांगा जा रहा है। इसके अलावा सर्वे सूची 2011 भी मान्य है। आरटीई में पात्रता के तौर पर बीपीएल कार्ड को मांगा जा रहा है। इनमें कई अभिभावक ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जिनके पास बीपीएल कार्ड तो है, लेकिन बीपीएल सूची में नाम नहीं है। लिहाजा नोडल अधिकारी उनके आवेदन लौटा रहे हैं। बीपीएल सूची में नाम नहीं होने से पालकों को आरटीई में दाखिला कराने के लिए भटकना पड़ रहा है।

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर खाद्य विभाग ने ऐसे कार्ड कैसे जारी कर दिया है, जिनका नाम सूची में नहीं है या फिर जो नए गरीब हैं, उनका नाम यदि सूची में नहीं है तो वे फिर कैसे आवेदन कर पाएंगे? साल 2007 के बाद गरीबी सूची में नए लोगों के नाम भी नहीं जोड़े गए हैं।

 

16480 आवेदन में से 6606 आवेदन रद्द

शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आरटीई से दाखिले के लिए प्रवेश का पहला चरण जारी है। राज्यभर के निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए इस बार 99 हजार फार्म जमा हुए है। रायपुर जिले की बात की जाए तो जिले के निजी स्कूलों में आरक्षित आरटीई सीटों में प्रवेश के लिए इस वर्ष 16480 आवेदन आए जिसमें मात्र 9874 सही पाए गए है।

खामियों के चलते 6606 आवेदन रद्द की दिए गए है। आवेदन के बाद स्कूलों में भर्ती के लिए लाटरी निकाली गई। 5294 आरक्षित सीटों के लिए 4734 सीटे आबंटित कर दी गई है। जिन बच्चों को सीटे मिली है उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी। प्रवेश के लिए दूसरा चरण एक जुलाई से शुरू होगा।

छत्तीसगढ़ पालक एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल ने कहा, ज्यादातर फार्म बच्चों के सही जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण रद्द हुए है। इस बार आवेदन में पते को लेकर कोई प्रावधान नहीं था। वह जिस वार्ड का है उसी वार्ड के निजी स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकता था। कई स्कूलों में सीटे कम और आवेदन ज्यादा हो जाने के कारण फार्म रिजेक्ट हुए। इस बार सीटे भी कम हुए जिसके कारण पालकों में आक्रोश है।

 

रायपुर डीईओ आरएल डाकुर ने कहा, आवेदनों की जांच पड़ताल की जाती है और जो पात्र होते है उन्हें आरटीई में दाखिल कराया जाता है।

आरटीई के माध्यम से निजी स्कूल में भर्ती के लिए पात्रता :

–दुर्बल वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए बीपीएस यानी गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र से हैं तो वर्ष 2002-03 और शहरी क्षेत्र से हैं तो वर्ष 2007-08 की मान्य सूची में नाम हो। या फिर सामाजिक एवं आर्थिक जातिगत जनगणना सर्वे सूची, 2011 में नाम हो।

–ऐसे अभिभावक जिनके पास अंत्योदय कार्ड, अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र, अनुसूचित जनजाति का प्रमाण।

–दिव्यांग-इसकी पात्रता के लिए 40 फीसद या उससे अधिक दिव्यांग बच्चों के लिए सरकारी अस्पताल से सत्यापित प्रमाण पत्र।

–आदिम आदिवासी समूह-तहसीलदार की ओर से सत्यापित स्थायी जाति प्रमाण पत्र।

–वन निवासी अनुसूचित जाति के लिए वन पट्टा की प्रति आवश्यक है आदि हो वहीं पात्र होता है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button