छत्तीसगढराज्य

राजिम में इस बार भव्य कुंभ मेले का होगा आयोजन, तीन जिलों के कलेक्टरों को मिली जिम्मेदारी

रायपुर
राज्य सरकार की ओर से इस बार राजिम कुंभ का आयोजन भव्य तरीके से किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। राजिम कुंभ की जिम्मेदारी तीन जिले रायपुर, गरियाबंद और धमतरी के कलेक्टर को दी गई है। कार्ययोजना बनाकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। राजिम कुंभ के तहत त्रिवेणी संगम पर रेत की अस्थायी सड़कों का निर्माण व राजिम को अन्य शहरों और गांवों से जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। स्नान के लिए कुंड के निर्माण तथा मेला क्षेत्र में अस्थायी शौचालय भी बनाए जाएंगे।

प्रक्रिया, जांच कमेटी का किया गठन
प्रदेश में भाजपा सरकार के बाद राजिम कुंभ की रौनक एक बार फिर लौटाने की तैयारी में हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसे लेकर रायपुर समेत प्रदेशभर में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। भाजपा के विधायक, कार्यकर्ता और समर्थक घर-घर अक्षत (पीला चावल) और भगवान राम की फोटो देकर लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। 22 जनवरी को घर-घर में दीपावली मनाने की अपील की जा रही है। इसके बाद विधायक और कार्यकर्ता राजिम कुंभ की तैयारी में जुट जाएंगे। भाजपा के मुताबिक, प्रदेश में भाजपा सरकार के समय राजिम कुंभ ने देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई थी, जो कांग्रेस सरकार में फीकी पड़ गई। साधु-संतों का जमावड़ा कम हो गया। देश के प्रसिद्ध मठ-मंदिरों तक आमंत्रण नहीं पहुंचा था।

आठ मार्च तक चलेगा आयोजन
राजिम कुंभ मेले की शुरूआत 24 फरवरी से शुरू होकर आठ मार्च महाशिवरात्रि के दिन तक चलेगी। देश के प्रसिद्ध मठ-मंदिरों तक आमंत्रण भेजा जाएगा। संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद फरवरी में प्रदेश में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। राजिम कुंभ में अयोध्या, बनारस, काशी, मथुरा के साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलेगा।

राष्ट्रीय पुरातत्व संरक्षण संस्थान से लेनी होगी अनुमति
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाने के निर्देश दिए हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारी इसके लिए प्रस्ताव बनाने में जुट गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि राजिम मंदिर संरक्षित स्मारक है। मंदिर के तीन सौ मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कराने से पहले राष्ट्रीय पुरातत्व संरक्षण संस्थान से अनुमति लेनी पड़ती है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही कोई निर्माण हो सकता है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button