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हीटवेव की चपेट में ये शहर, 58 साल का रिकॉर्ड टूटा

ढाका
भारत ही नहीं बांग्लादेश के कई इलाके भी इन दिनों भीषण गर्मी का कहर झेल रहे हैं. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी ढाका में  तापमान 40.4 ड्रिगी सेल्सियस पहुंच गया. जो पिछले 58 सालों का सबसे गर्म दिन था. ढाका में इससे पहले साल साल 1965 में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहा था. इस समय बांग्लादेश के कम से कम 8 जिले भीषण गर्मी की चपेट में है. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक ये स्थिति बनी रहेगी. बांग्लादेश में कई इलाकों में लू चल रही है.

बांग्लादेश में भयंकर गर्मी का कहर

मौसम विभाग के मुताबिक ढाका, फरीदपुर, मानिकगंज, पबना, बागेरहाट, जशोर, चुआडांगा और कुश्तिया जिलों में भीषण गर्मी का कहर जारी है. वहीं देश के अन्य हिस्सों में हल्की से मध्यम गर्मी पड़ रही है और ये सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है. अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि हीटवेव की वजह से बांग्लादेश में आपातकाल जैसी स्थिति आ सकती है.

इंटरनेशनल मौसम पूर्वानुमान एजेंसी एक्यू वेदर ने बताया कि शनिवार को ढाका में जहां एक तरफ 41 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया वहीं साथ में नमी की मात्रा भी 18 फीसदी कम रही.

बांग्लादेश में गर्मी के रिकॉर्ड टूटे

बाग्लादेश के चुआडांगा में पिछले 14 दिनों में देश का सबसे अधिक तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पिछली बार देश में अधिकतम तापमान साल 2014 में रिकॉर्ड किया गया था. तब जशोर में तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था. चुआडांगा, जशोर और जनेदाग सहित बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है.

बांग्लादेश के मौसम पर नजर रखने वाले एक अन्य ऑब्जर्वेशन ग्रुप का मानना है कि दो दिनों के भीतर चुआडंगा, ढाका, राजशाही, कुश्तिया, मेहरपुर, शरीयतपुर, गोपालगंज, नोआखली, फेनी, शरियतपुर, मदारीपुर का तापमान 41-42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. वहीं खुलना और बरिसाल डिवीजन के अन्य जिलों में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस के करीब जा सकता है.

बांग्लादेश में जारी हो सकता है आपातकाल

बांग्लादेश में बढ़ते तापमान से हालात किस कदर खराब हो सकते हैं इसका पता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक अधिकारी के बयान से पता चलता है. उन्होंने मीडिया को बताया कि ऐसी स्थिति में देश में ‘टेम्परेचर इमरजेंसी’ जारी की जा सकती है. हालांकि इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. वहीं बांग्लादेश के पर्यावरण मंत्री शहाब उद्दीन ने कहा कि अगर बारिश होती है तो तापमान में कमी आएगी. इसलिए हम कुछ और दिन स्थिति पर नजर रखेंगे और इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.

 

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