रायपुर
बिरनपुर गांव में माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है,कलेक्टर-कमिश्नर के साथ पुलिस बल मौजूद है। नेता आ और जा रहे है लेकिन कब तक ? जो घटना हुई है वह पूरी तरह गलत हैं,नहीं होना था। जिन्होने कानून अपने हाथ में लिया उन्हे कड़ी सजा भी मिलनी चाहिए। लेकिन इस बीच सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि कैसे जल्द से जल्द गांव में हालात सामान्य हो और पहले जैसे लोग सद्भावना के माहौल में लौटें।
नेताओं को ज्यादा संयम की जरूरत है वे मौके को भुनाने की बजाय सहेजने में ध्यान दें। राजनीति ऐसी परिस्थिति में कतई उचित नहीं है। गांव की सूनी गलियां और घरों से झांक रहे लोग नहीं चाहते कि उन्हे इस हालाात में रहना पड़े। आरोप-प्रत्यारोप को छोड़कर गांव में दोनों समुदायों के बड़े बुजुर्गों को बिठाकर फिर से पुराने दिन की तरह सामान्य हालात बनाने की पुरजोर कोशिश होनी चाहिए। स्वंय गांव वालों को भी इसके लिए पहल करनी होगी। प्रशासन सुरक्षा मुहैया करा सकती है,लेकिन दिलों को तो गांव वाले ही मिला सकते हैं। उम्मीद करें जल्द ही वो स्थिति बनेगी और फिर से वही बिरनपुर के लोग आपस में सद्भावना के साथ रहेंगे।