झमेला बहुत है बृज भूषण के केस में, किस कोर्ट में चलेगा नाबालिग का मुकदमा? HC में 6 जुलाई को सुनवाई
नई दिल्ली
भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर सात महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप को लेकर दिल्ली में दर्ज दो एफआईआर में एक मामला पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) का है। अब निचली अदालत में में यह कन्फ्यूजन है कि नाबालिग पहलवान के आरोप पर दर्ज केस की सुनवाई राउज एवेन्यू के एमपी-एमएलए कोर्ट में होगी या पॉक्सो के मुकदमों को देखने वाले पटियाला हाउस के कोर्ट में। दिल्ली में सांसद और विधायकों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में होती है जबकि पॉक्सो के मामलों को पटियाला हाउस कोर्ट सुनता है।
निचली अदालत के जज ने दिल्ली हाईकोर्ट को मामला रेफर करके फैसला देने कहा है। हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। निचली अदालत ने 18 साल से ज्यादा उम्र के पहलवानों के आरोपों पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया था लेकिन नाबालिग का केस किस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आएगा, इस पर संशय को देखते हुए हाईकोर्ट से स्षप्टता मांगी गई है।
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों की शिकायत के आधार पर दो प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें एक पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ है। पुलिस ने ट्रायल कोर्ट को बताया था कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया था कि आरोप लगाने वाली सात पहलवानों का सेक्शन 164 के तहत बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो चुका है।
पहलवानों के आरोप को बृज भूषण शरण सिंह झूठा बता रहे हैं और कह रहे हैं कि पुलिस जांच कर रही है और उसमें वो हर तरह से सहयोग कर रहे हैं। वहीं पहलवान सांसद बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को पहलवान अपना मेडल बहाने हरिद्वार तक पहुंच गए थे लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत की अपील पर पांच दिन की मोहलत देते हुए मेडल उनको सौंप दिया है। दिल्ली पुलिस द्वारा जंतर-मंतर पर महीने भर से डटे पहलवानों को 28 मई को हटाने के बाद मामला फिर से गर्म हो गया है।