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इन 30 बैंक पर टिकी है विश्व की अर्थव्यवस्था, एक भी डूबा तो मचेगा हाहाकार

 नई दिल्ली

पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर के बैंकिंग सेक्टर में हाहाकार (Banking Crisis) मचा हुआ है। इस संकट की शुरुआत अमेरिका से हुई। वहां पांच दिन के अंतराल में दो बैंक डूब गए। स्टार्टअप कंपनियों को लोन देने वाला सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) सबसे पहले डूबा। यह अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था। इसके कुछ दिन बाद फिर क्रिप्टो कंपनियों को लोन देने वाला सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) भी डूब गया। एक और बैंक फर्स्ट रिपब्लिक (First Republic) अंतिम सांसें गिन रहा है। यहां तक तो ठीक था लेकिन जब इसकी तपिश यूरोप के दिग्गज बैंक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) तक पहुंची तो दुनिया में हंगामा मच गया। आखिर क्रेडिट सुइस में ऐसा क्या है कि दुनिया के लिए इसे बचाना जरूरी है।

क्रेडिट सुइस न केवल स्विट्जरलैंड का दूसरा बड़ा बैंक है बल्कि यह दुनिया के लिए 30 सबसे अहम बैंकों में शामिल है। फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बोर्ड (Financial Stability Board) हर साल 30 ऐसे बैंकों की लिस्ट जारी करता है जो दुनिया की वित्तीय सेहत को दुरुस्त रखने के लिए अहम होते हैं। इन्हें ग्लोबल सिस्टेमिकली इंपोर्टेंट बैंक (Global Systemically Important Banks) या G-SIB कहा जाता है। ये ऐसे बैंक हैं जिन्हें दुनिया किसी भी कीमत में डूबने नहीं दे सकती है। इन लिस्ट में शामिल एक बैंक भी डूब गया तो दुनिया के फाइनेंसियल स्सिटम में सूनामी आ सकती है। यही वजह है कि स्विट्जरलैंड की सरकार हर हाल में इस बैंक को बचाने में लगी है। उसने ही क्रेडिट सुइस और यूबीएस (UBS) के बीच डील कराई है। इन बैंकों की अगली लिस्ट इस साल नवंबर में आएगी।

चीन के चार बैंक, भारत का एक भी बैंक नहीं

G-SIB की लिस्ट में यूरोप के 13, नॉर्थ अमेरिका के 10 और एशिया के सात बैंक हैं। नॉर्थ अमेरिका की बात करें तो 10 में से नौ बैंक अमेरिका के हैं जबकि एक बैंक कनाडा का है। अमेरिकी बैंकों में जेपी मोर्गन, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप, एचएसबीसी, गोल्डमैन सैस, बैंक ऑफ न्यूयॉर्क, मॉर्गन स्टैनली, स्टेट स्ट्रीट और वेल्स फार्गो शामिल हैं। वहीं एशिया में चार बैंक चीन के और तीन जापान के हैं। चीन के बैंकों में इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना, चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक और बैंक ऑफ चाइना शामिल हैं। इस लिस्ट में भारत का एक भी बैंक नहीं है। यूरोपीय बैंकों की बात करें तो इसमें बार्कलेज, बीएनबी परिबा, डॉयचे बैंक, क्रेडिट सुइस, ग्रुप बीपीसीई, ग्रुप क्रेडिट एग्रीकोल, आईएजी, Santander, Societe Generale, Standard Charted, UBS और UniCredit शामिल हैं।

दुनिया के केंद्रीय बैंक भी अपने देश के लिए सिस्टेमिकली इंपोर्टेंट बैंकों का चयन करते हैं। भारत में बैंकिंग सिस्टम की निगरानी का काम आरबीआई (Reserve Bank of India) करता है। उसे जिस बैंक में भी गड़बड़ी दिखती है वह उसे तुरंत सुधार करने के लिए कहता है। आरबीआई (RBI) की सख्ती के कारण भारत अब तक ग्लोबल क्राइसिस से अछूता रहा है। भारत में अधिकांश बैंक सुरक्षित हैं। लेकिन फिर भी सभी बैंक एक तरह के नहीं हैं। आरबीआई ने खुद तीन बैंकों एसबीआई (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को सिस्टेमिकली इंपोर्टेंट बैंक माना है। इन्हें देश की इकॉनमी के लिए अहम माना गया है। यानी आरबीआई कभी भी इन बैंकों को डूबने नहीं देगा। इसी तरह चीन ने 19 बैंकों को एसआईबी लिस्ट में डाला है।

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