रायपुर
संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय ने दिव्यांग बच्चों के लिए पुरातत्वीय प्लास्टर कास्ट प्रतिकृति प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। इस कार्यशाला को सफल बनाने में अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। यह बात उड़ान आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक अंकित अग्रवाल ने कही है। उन्होंने कार्यशाला के चतुर्थ दिवस प्रशिक्षण शिविर का अवलोकन कर मूक-बधिर बच्चों के साथ वक्त बिताया। ज्ञात हो कि अर्पण कल्याण समिति द्वारा राजेंद्र नगर में संचालित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत मूक-बधिर बच्चों को पुरातत्व विभाग के आर्टिस्ट संजय झरबड़े द्वारा मूर्ति बनाने की कला सिखाई जा रही है।
शिविर की प्रशंसा करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि इन बच्चों के बीच आकर मैं अत्यंत भावुक हो गया हूँ। ये बच्चे भगवान के प्रतिरूप हैं। समिति के संरक्षक, पूर्व महापौर व नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर लायंस क्लब रायपुर शिखर की अध्यक्ष आशा बारेवार ने कहा कि मूक-बधिर बच्चों के भविष्य निर्माण का बीड़ा उठाकर अर्पण कल्याण समिति ने अनुकरणीय कार्य किया है। लायंस क्लब रायपुर शिखर ने बच्चों को लोवर व जलपान का वितरण किया। आभार प्रदर्शन समिति के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने व्यक्त किया। इस मौके पर लायंस क्लब की रेणु गुप्ता, लक्ष्मी बुरड़, दिव्या साहू, सौम्या बारेवार, विजय बारेवार सहित स्कूल के प्राचार्य कमलेश शुक्ला, डायरेक्टर मृत्युंजय शुक्ला, व सीमा छाबड़ा, सुषमा राय, साक्षी जैन, मोनिका गुप्ता आदि मौजूद थे।
शिविर के पांचवे दिन समाजसेवी व सीनियर सिटीजन फोरम के महासचिव राधेश्याम बंसल ने कहा कि वास्तव में ये विशेष बच्चे हैं। ये ईश्वर के दूत हैं। इनसे हम लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बंसल ने कहा कि इन बच्चों को गले लगाने से असीम शांति मिलती है। अर्पण कल्याण समिति ने इन बच्चों की नि:शुल्क सेवा कर समाज को सेवा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है। ज्ञात हो कि बंसल बेस्ट कैरियर गाइड हैं। उन्होंने बच्चों के साथ बैठकर उन्हें मूर्ति बनाते देखा।