प्रदेश के सबसे अमीर विधायक ने भरा नामांकन फार्म, संपत्ति जान हो जाएंगे हैरान
विजयराघोगढ़
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को भाजपा के सबसे अमीर विधायक संजय पाठक ने सादगी के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के बाद संजय पाठक ने अपनी जीत के साथ ही प्रदेश में बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने का दावा किया है.
कितनी है पाठक की संपत्ति?
संजय पाठक ने नामांकन सेट के साथ अपनी चल अचल संपत्तियों इत्यादि के ब्यौरे के साथ हलफनामा भी दाखिल किया है. हलफनामे में दर्शाए गए ब्यौरे के अनुसार संजय पाठक और उनकी पत्नी निधि पाठक 242 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं.
संजय की कुल चल संपत्ति 741666326 रुपए और अचल संपत्ति 604616573 रुपए की है. वहीं पत्नी निधि की कुल चल संपत्ति 44974827 करोड़ एव एवम अचल संपत्ति 6 करोड़ रुपए से अधिक की है.
पाठक परिवार के पास नगद राशि की बात की जावे तो बीस 2023781 रुपए संजय के पास और 3676800 रुपए निधि के पास नगद राशि के रूप में दर्शाए गए हैं. इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार वर्ष 2022-23 में संजय पाठक की वार्षिक आय तीन करोड़ छियानवे हजार दो सौ तीस रुपए और निधि की वार्षिक आय चार करोड़ दो लाख छियासी हजार एक सौ दस रुपए बताई गई है.
चुनाव से पहले जनादेश को लेकर आए थे चर्चाओं में
संजय पाठक की गिनती माइनिंग के बड़े कारोबारी में होती है , आयरन ओर की माइंस के अलावा विदेशों में कोल माइंस का कारोबार भी बताया जाता है. संजय पाठक होटल्स एवम रिसोर्ट चेन के मालिक भी कहे जाते हैं और खुद का हेलीकाप्टर भी रखने के शौकीन हैं. संजय पाठक हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं ,उन्होंने हाल ही में चुनाव आयोग की तर्ज पर चुनाव जनादेश कराया था, तो विजयराघोगढ़ में हरिहर तीर्थ की स्थापना को लेकर भी काफी सुर्खियां रही है.
कैसा रहा संजय पाठक का राजनीतिक सफर
संजय पाठक के सियासी सफर की बात करें तो इन्होंने अपनी राजनीति कांग्रेस के साथ शुरू की थी. वे छात्र जीवन में ही कांग्रेस की राजनीति से जुड़ गए थे. संजय साल 1991 में जिला युवक कांग्रेस ग्रामीण जबलपुर के महामंत्री बने थे. इसके बाद 1996 में जिला कांग्रेस कमेटी, कटनी के महामंत्री बनाए गए थे. 2000 से 2005 तक वे जिला पंचायत कटनी के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2008 में कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताया और वे प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बनाए गए.